समुद्रपारीय निवेश : विवेक सम्मत बनाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
समुद्रपारीय निवेश : विवेक सम्मत बनाना
आरबीआई/2005-06/155
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.14
05 सितंबर , 2008
सेवा में
सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
मोदया/मोदय
समुद्रपारीय निवेश : विवेक सम्मत बनाना
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I)बैंकों का ध्यान , समय-समय पर यथासंशोधित, अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004](अधिसूचना) की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. उपर्युक्त अधिसूचना के विनियम 15 के अनुसार कोई भारतीय कंपनी जिसने अधिसूचना की विनियमावली के खंड-। के अनुसार, विप्रेषण भेजने की तारीख से छ: महीने के भीतर अथवा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमत ऐसी अतिरिक्त अवधि अथवा वह तारीख जिससे पूंजीकृत की जाने वाली राशि भारतीय पार्टी को देय हो जाती है अथवा उस तारीख जिस पर कि देय राशि के पूंजीकरण की अनुमति दी गयी थी , शेयर प्रमाणपत्र अथवा भारतीय रिजर्व बैंक की संतुष्टि के लिए विदेशी इक्विटी में निवेश के सबूत के तौर पर कोई अन्य प्रलेख प्राप्त करेगा । निवेश के दस्तावेजी साक्ष्य भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में प्रस्तुत करना अपेक्षित है ।
3. क्रियाविधि को और अधिक सरल बनाने के उद्देश्य से , यह निर्णय लिया गया है कि अब से विदेशी इक्विटी में निवेश के साक्ष्य के रूप में शेयर प्रमाणपत्र अथवा कोई अन्य प्रलेख भारतीय रिजर्व बैंक में न प्रस्तुत किया जाये । जर्हाँ पर कि शेयर प्रमाणपत्र जारी नहीं किये जाते ,अब से शेयर प्रमाणपत्र अथवा निवेश के साक्ष्य के रूप में कोई अन्य प्रलेख , प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I)बैंक को प्रस्तुत किए जायेंगे और उसी के द्वारा अपने पास रखे जायेंगे । जिसके लिए अपेक्षित होगा कि वह ऐसे दस्तावेजों की प्राप्ति की निगरानी करे और प्राप्त ऐसे दस्तावेजों की प्रामाणिकता से अपनी संतजिष्ट करे ।श्रेणी-I के प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंक द्वारा 1 जून 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.68 के संलग्नक के अनुसार फार्म एपीआर(ओडीआई का भाग-III) के साथ इस आशय का एक प्रमाणपत्र भारतीय रिजर्व बैंक में प्रस्तुत किया जाये ।
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I)बैंक , कृपया इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी संबंधित व्यक्तियों तथा ग्राहकों को अवगत करा दें।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए है और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक