महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र को राहत उपायों का पैकेज़ - आरबीआई - Reserve Bank of India
महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र को राहत उपायों का पैकेज़
ग्राआऋवि.पीएलएफएस.बीसी.सं. 12 / 05.04.02 (विदर्भ) / 2006-07
17 जुलाई 2006
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी,
विदर्भ क्षेत्र में कार्यरत वाणिज़्य बैंक
महोदय,
महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र को राहत उपायों का पैकेज़
विदर्भ के छ: ऋणग्रस्त ज़िलों में किसानों की विपत्ति को कम करने के उद्देश्य से, माननीय प्रधान मंत्री ने कृषि ऋण के संबंध में निम्नलिखित पुनर्वास पैकेज़ की घोषणा की है :-
क) यह पैकेज़ अमरावती, वर्धा, यवतमाल, अकोला, वाशिम और बुलधाना ज़िलों पर लागू होगा ।
ख) उपर्युक्त छ: ज़िलों में दिनांक 1-7-2006 तक के अतिदेय ऋणों पर पूरे ब्याज़ की छूट दी ज़ाएगी तथा सभी किसानों पर उस तारीख तक कोई पिछला ब्याज़ भार नहीं होगा ताकि वे बैंकिंग प्रणाली से नए ऋण हेतु तत्काल प्रभाव से पात्र होंगे ।
ग) किसानों के 1-7-2006 को अतिदेय ऋणों को एक वर्ष की अधिस्थगन अवधि सहित 3-5 वर्ष की अवधि में पुन: निर्धारित किया ज़ाएगा ।
घ) इन छ: ज़िलों में 1275 करोड़ रु. का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया ज़ाएगा ।
2. केद्र सरकार द्वारा छूट की राशि के 50% हिस्से के सबंध में निर्दिष्ट किए अनुसार अतिदेय ब्याज़ में छूट का भार राज़्य और केद्र सरकार द्वारा बराबर - बराबर वहन किया ज़ाएगा । उपर्युक्त के अनुसार अतिदेय ब्याज़ का प्रभाज़न करते समय, इस संबंध में राज़्य सरकार द्वारा किए गए प्रतिसंतुलन निगर्मों, यदि कोई हों, को भी उfचत रुप से ध्यान में रखा ज़ाएगा ।
3. अत: आपको सूचत किया ज़ाता है कि 1 ज़ुलाई 2006 को अतिदेय सभी किसानों के ऋण खाते इस पैकेज़ के अनुसार पुन:निर्धारित करने सुनिश्चित किए ज़ाएँ तथा उसके ब्याज़ पर (1 जुलाई 2006 को) पूर्णत: छूट दी ज़ाए । ऐसे किसानों को नया वित्त देना सुनिश्चित किया ज़ाए बैंकों द्वारा दी ज़ाने वाली 1275 करोड़ रु. की कुल राशि, इन ज़िलों में कार्यरत बैंकों के साथ-साथ बैंक ऑफ महाराष्ट्र (राज़्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोज़क के रुप में) को आबंटित की ज़ाएगी ।
4. ब्याज़ में छूट दी गई राशि की सूचना राज़्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोज़क बैंक को तथा हमें संलग्न फार्मेट (अनुबंध I) में दी ज़ाए ताकि हम उसकी प्रतिपूर्ति कर सकें । शाखाएँ नियंत्रक कार्यालयों / प्रधान कार्यालय को अनुबंध III में उपलब्ध कराती हैं, तथापि नियंत्रक कार्यालय / प्रधान कार्यालय अनुबंध II में दिए फार्मेट में, भारतीय रिज़र्व बैंक के निरीक्षण और लेखा परीक्षा के प्रयोज़न हेतु, शाखा वार ज़ानकारी अनुरक्षित करें ।
भवदीय
(आर. सेबेस्टियन)
महाप्रबंधक
1 जुलाई 2006 को बकाया कृषि ऋण अतिदेय पर ब्याज़ के प्रति प्रतिपूर्ति का दावा हेतु प्रमाणपत्र
बैंक का नाम :
( राशि रुपए में )
अतिदेय ऋण के खातों की संख्या |
पुनर्निर्धारण के बाद 1 जुलाई 2006 को बकाया मूलधन |
मद 2 में दर्शाये ऋण पर 1 जुलाई 2006 को अतिदेय ब्याज़ की राशि |
ज़िसमें से राज्य़ सरकार से प्रतिपूर्ति प्राप्त की ज़ा चुकी है |
अब दावा किये गये शुध्द ब्याज़ की प्रतिपूर्ति |
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(3) |
(4) |
(5) |
हम एतद्वारा प्रमाणित करते हैं कि जैसाकि ऊपर दर्शाया गया है ब्याज़ की दावाकृत राशि का सही परिकलन किया गया है ज़िसकी पुष्टि भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 17 जुलाई 2006 के परिपत्र ग्राआऋवि.सं.पीएलएफएस.बीसी. 12/ 05.04.02 (विदर्भ) / 2006-07 द्वारा की गई है । हम वचन देते हैं कि बाद में लेखा-परीक्षा या अन्यथा के दौरान किसी प्रकार की गलतियाँ पाए ज़ाने पर हम प्राप्त की गई अतिरिक्त राशि तुरंत भारतीय रिज़र्व बैंक को लौटा देंगे ।
( प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता )
स्थान :
दिनांक :
लेखा - परीक्षकों / भारिबैं निरीक्षकों द्वारा सत्यापन / छान-बीन के लिए बैंक
के प्रधान कार्यालय के पास रखा ज़ानेवाला ब्योरा
( राशि रुपए में )
क्रम सं. |
शाखा का नाम तथा कूट |
अतिदेय ऋण से संबंधित 1 जुलाई 06 को बकाया राशि |
मद 4 में दर्शाये ऋण पर 1 जुलाई 06 को अतिदेय ब्याज़ की राशि |
ज़िसमें से राज़्य सरकार से प्रतिपूर्ति प्राप्त की ज़ा चुकी है |
अब दावा किये गये शुध्द ब्याज़ की प्रतिपूर्ति |
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खातों की संख्या |
राशि |
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1 जुलाई 2006 को बकाया कृषि ऋण पर ब्याज़ में दी गई छूट के संबंध में
शाखाओं द्वारा उनके नियंत्रक/प्रधान कार्यालय को उपलब्ध करायी ज़ानेवाली ज़ानकारी हेतु फार्मेट
शाखा का नाम :
शाखा कूट :
(राशि रुपए में )
क्रम सं. |
उधारकर्ता का नाम |
खाता सं. |
1 जुलाई 06 को अतिदेय और बकाया कृषि ऋण |
मद 4 में दर्शाये गये ऋण पर 1 जुलाई 06 को अतिदेय ब्याज़ की राशि |
ज़िसमें से राज़्य सरकार से प्रतिपूर्ति प्राप्त की ज़ा चुकी है |
अब दावा किये गये शुध्द ब्याज़ की प्रतिपूर्ति |
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