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करेंसी फ्यूचर्स बाजार में एकल प्राथमिक व्यापारियों की सहभागिता

भारिबैं/2015-16/339
एफएमआरडी.एफएमडी.सं.02.03.183/7/2015-16

17 मार्च 2016

सभी एकल प्राथमिक व्यापारी

प्रिय महोदय,

करेंसी फ्यूचर्स बाजार में एकल प्राथमिक व्यापारियों की सहभागिता

आपका ध्यान ए.पी. (डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 05 दिनांक 6 अगस्त 2006 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारत के निवासी व्यक्तियों को करेंसी फ्यूचर्स बाजार में सहभागिता करने की अनुमति समय-समय पर यथा संशोधित करेंसी फ्यूचर्स (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2008 [अधिसूचना सं. एफइडी.1/डीजी(एसजी)-2008 दिनांक 6 अगस्त 2008] में अंतर्विष्ट निदेशों के अधीन दी जाती है ।

2. चतुर्थ द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2015-16 के पैराग्राफ 37 में की गयी घोषणा के अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि एकल प्राथमिक व्यापारियों (पीडी) को निम्नलिखित शर्तों के अधीन मान्यताप्राप्त एक्सचेंजों में व्यापारित करेंसी फ्यूचर्स संविदाओं में सौदा करने की अनुमति दी जाये :

पात्रता :

  1. करेसी फ्यूचर्स में एक्सपोजर को पीडी के लिए गौण कार्यकलाप के रूप में माना जायेगा और उन प्राथमिक व्यापारियों को, जिनके पास 250 करोड़ रुपये की शुद्ध स्वाधिकृत निधि या विविधीकृत कार्यकलाप करने के लिए यथा निर्धारित कोई राशि हो, करेंसी फ्यूचर्स में सहभागिता करने की अनुमति दी जायेगी ।

  2. जैसाकि पूँजी पर्याप्तता के संबंध में वर्तमान दिशा-निर्देशों में निर्धारित किया गया है, गौण कार्यकलाप (करेंसी फ्यूचर्स सहित), जिसमें पूँजी की खपत प्रत्याशित होती है, के लिए बाजार जोखिम हेतु पूँजीगत प्रभार पिछले लेखापरीक्षित तुलनपत्र के अनुसार एनओएफ के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए ।

सदस्यता :

  1. प्राथमिक व्यापारियों को करेंसी फ्यूचर्स बाजार में या तो ग्राहक के रूप में या सेबी द्वारा मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों के करेंसी डेरिवेटिव खंड में प्रत्यक्ष व्यापार/समाशोधन सदस्यों के रूप में सहभागिता करने की अनुमति होती है ।

  2. प्राथमिक व्यापारी केवल अपने खाते में व्यापार कर सकते हैं और उन्हें अपने ग्राहकों की ओर से पोजिशन लेने की अनुमति नहीं है ।

  3. प्राथमिक व्यापारियों को करेंसी फ्यूचर्स बाजार में लाँग या शॉर्ट पोजिशन लेने की अनुमति है, जिसे वे एक्सचेंजों द्वारा विनिर्दिष्ट सीमाओं के अधीन अंतर्निहित एक्सपोजर सहित या उसके बिना कर सकते हैं । तथापि, सभी संविदाओं में कुल ओपन पोजिशन, सभी स्टॉक एक्सचेंजों में संबंधित करेंसी पेयर्स में, निम्नलिखित सीमा से अधिक नहीं होंगे :

करेंसी पेयर्स पोजिशन सीमा
युएसडी-आइएनआर सभी संविदाओं में कुल ओपन पोजिशन कुल ओपन इंटरेस्ट के 15% या 50 मिलियन युएसडी, जो भी अधिक हो, से अधिक नहीं होगा।
इयुआर-आइएनआर सभी संविदाओं में कुल ओपन पोजिशन कुल ओपन इंटरेस्ट के 15% या 25 मिलिय़न इयुआर, जो भी अधिक हो, से अधिक नहीं होगा ।
जीबीपी-आइएनआर सभी संविदाओं में कुल ओपन पोजिशन कुल ओपन इंटरेस्ट के 15% या 25 मिलिय़न जीबीपी, जो भी अधिक हो, से अधिक नहीं होगा ।
जेपीवाइ-आइएनआर सभी संविदाओं में कुल ओपन पोजिशन कुल ओपन इंटरेस्ट के 15% या 1000 मिलिय़न जेपीवाइ, जो भी अधिक हो, से अधिक नहीं होगा ।

जोखिम प्रबंधन :

  1. प्राथमिक व्यापारियों को यह कार्यकलाप करने और जोखिम-प्रबंधन के लिए एक्सपोजर सहित जोखिम प्रबंधन, जोखिम सीमा और रिपोर्टिंग अपेक्षाओं के संबंध में बोर्ड के अनुमोदन से विस्तृत दिशा-निर्देश अधिकथित करने चाहिए ।

  2. प्राथमिक व्यापारियों को ऐसी युक्तियुक्त प्रणाली स्थापित करनी चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो कि ऊपर निर्धारित पोजिशन सीमाओं का कड़ाई से पालन होता है ।

  3. प्राथमिक व्यापारियों को करेंसी फ्यूचर्स में सहभागिता के लिए प्रणाली एवं मानव-बल हेतु पर्याप्त आधारभूत संरचना बनाये रखना चाहिए ।

सामान्य :

  1. पूँजी पर्याप्तता के प्रयोजनार्थ प्राथमिक व्यापारी इस परिपत्र के अनुबंध में दिये गये दिशा-निर्देशों का और समय-समय पर अद्यतन किये गये मास्टर परिपत्र, दिनांक 1 जुलाई 2015 में एकल प्राथमिक व्यापारियों के लिए निर्धारित पूँजी पर्याप्तता मानकों एवं जोखिम प्रबंधन दिशा-निर्देशों का पालन, बकाया संविदाओं से उत्पन्न विविध जोखिमों के लिए पूँजीगत प्रभार देने हेतु करें ।

  2. सरकारी प्रतिभूति बाजार में प्राथमिक व्यापारी के कारोबार की बाध्यताओं को पूरा करने में विफल रहने के मामले में या किसी अन्य उल्लंघन के मामले में, जिसके कारण पर्यवेक्षकीय चिंता होती हो, रिज़र्व बैंक को अधिकार होगा कि वह करेंसी फ्यूचर्स संविदाओं में लेन देन करने पर प्रतिबंध लगाये या इस संबंध में दी गयी अपनी अनुमति वापस ले ले ।

ये दिशा-निर्देश 11 अप्रैल 2016 से प्रभावी होंगे ।

भवदीय,

(आर सुब्रमणियन)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

मानकीकृत दृष्टिकोण के अंतर्गत प्राथमिक व्यापारी की प्रत्येक मुद्रा में निवल ओपन पोजिशन का हिसाब लगाया जाना चाहिए और उसे 100 प्रतिशत जोखिम भारित किया जायेगा । ये ओपन पोजिशन्स 15 प्रतिशत के एकसमान बाजार जोखिम प्रभार के अधीन होंगे ।

ऋण जोखिम : चूँकि करेसी प्यूचर्स संविदाएँ प्राधिकृत स्टॉक एक्सचेंजों के सीसीपी क्लियरिंग के अधीन होंगी, इस लिए ऋण जोखिम के लिए पूँजीगत प्रभार की गणना परिपत्र आइडीएमडी.पीसीडी.11/14.03.05/2013-14 दिनांक 27 मार्च 2014 द्वारा सीसीपी के प्रति एक्सपोजर के लिए निर्धारित कार्यप्रणाली के अनुसार की जायेगी । विनिमय दर संविदाओं के लिए प्रयुक्त होने वाला ऋण संपरिवर्तन कारक (सीसीएफ) निम्नानुसार होगा :

बाजार से संबंधित तुलनपत्र बाह्य मदों के लिए सीसीएफ
अवशिष्ट परिपक्वता अवधि सीसीएफ %
विनिमय दर संविदाएँ
एक वर्ष या उससे कम 2.00
एक वर्ष से अधिक और पाँच वर्षों तक 10.00
पाँच वर्षों से अधिक 15.00

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