बैंक द्वारा फ्रीज़ किये गये खातों पर ब्याज की अदायगी - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक द्वारा फ्रीज़ किये गये खातों पर ब्याज की अदायगी
आरबीआइ/2008-09/186
बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 47 /09.07.005/2008-09
सितंबर 19, 2008
भाद्र 28, 1930 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय
बैंक द्वारा फ्रीज़ किये गये खातों पर ब्याज की अदायगी
सभी बैंक जानते हैं कि कभी-कभी प्रवर्तन प्राधिकारियों के आदेश के आधार पर उन्हें ग्राहकों के खातों को फ्रीज़ करना होता है।फ्रीज़ किये गये ऐसे खातों पर ब्याज की अदायगी के संबंध में एक मुद्दा उठाया गया है ।
2. भारतीय बैंक संघ के साथ परामर्श कर इस मुद्दे की जांच की गयी है । बैंकों को सूचित किया जाता है कि प्रवर्तन प्राधिकारियों द्वारा फ्रीज़ किये गये मीयादी जमा खातों के मामले में निम्नलिखित प्रक्रिया का अनुसरण किया जाए :
(i) ग्राहक से परिपक्वता पर मूल अवधि के बराबर की अवधि के लिए नवीकरण हेतु अनुरोध पत्र प्राप्त किया जाए।
(ii) कोई नई रसीद जारी करने की आवश्यकता नहीं है । तथापि, जमा लेजर में नवीकरण के संबंध में उपयुक्त नोट लगाया जाए।
(iii) जमा के नवीकरण की सूचना पंजीकृत पत्र/स्पीड पोस्ट/कुरियर सेवा के माध्यम से संबंधित सरकारी विभाग को भेजी जानी चाहिए तथा इसकी सूचना जमाकर्ता को दी जानी चाहिए । जमाकर्ता को सूचित करते समय जमा का नवीकरण जिस ब्याज दर पर किया गया है उसका भी उल्लेख होना चाहिए ।
(iv) यदि अनुरोध पत्र प्राप्त करने की तारीख को अतिदेय अवधि 14 दिन से अधिक नहीं है, तो नवीकरण परिपक्वता की तारीख से किया जाना चाहिए ।यदि अतिदेय अवधि 14 दिन से अधिक हो तो बैंक अतिदेय अवधि के लिए ब्याज की अदायगी अपनी नीति के अनुसार कर सकते हैं तथा उस ब्याज को एक अलग ब्याज मुक्त उप-खाते में रखें जिसका भुगतान तब किया जाना चाहिए जब मूल सावधि जमा का भुगतान किया जाता है ।
3. इसके अलावा, प्रवर्तन प्राधिकारियों द्वारा फ्रीज़ किये गये बचत खातों में बैंक निरंतर आधार पर ब्याज जमा करते रहें ।
भवदीय
(प्रशांत सरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक