दैनंदिन उत्पाद आधार पर बचत बैंक खाते पर ब्याज का भुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
दैनंदिन उत्पाद आधार पर बचत बैंक खाते पर ब्याज का भुगतान
आरबीआइ/2008-09/452 24 अप्रैल 2009 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय दैनंदिन उत्पाद आधार पर बचत बैंक खाते पर ब्याज का भुगतान कृपया आप 21 अप्रैल 2009 को गवर्नर महोदय द्वारा घोषित वार्षिक नीति वक्तव्य का पैरा 88 (उद्धरण संलग्न) देखें, जिसके अनुसार यह प्रस्ताव किया गया है कि अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा 1 अप्रैल 2010 से बचत बैंक खातों पर ब्याज की अदायगी की गणना दैनंदिन उत्पाद आधार पर की जाएगी। मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसरण में, 1 जुलाई 2008 के ‘देशी, साधारण अनिवासी (एनआरओ) और अनिवासी (बाह्य) (एनआरई) खातों में रखी रुपया जमाराशियों पर ब्याज दरों संबंधी मास्टर परिपत्र के पैरा 2.2 ख के अनुसार बैंकों को सूचित किया गया है कि बचत जमाराशियों के मामले में प्रत्येक कैलेंडर माह की 10 तारीख से अंतिम दिन तक की अवधि के दौरान जमा खातों में जमा न्यूनतम शेष राशि पर ब्याज की गणना की जाए और संबंधित खाते में तभी जमा की जाए जब वह 1 रु. या उससे अधिक हो। कुछ बैंकों ने यह सुझाव दिया था कि बचत बैंक खातों पर ब्याज की गणना या तो कैलेंडर माह की पहली तारीख से अंतिम दिन तक की अवधि के लिए की जाए अथवा दैनंदिन उत्पाद आधार पर की जाए। यह मामला भारतीय बैंक संघ को विचारार्थ भेजा गया था, जिसकी राय यह थी कि दैनंदिन उत्पाद आधार पर ब्याज का भुगतान तभी व्यवहार्य होगा जब बैंकों में कंप्यूटरीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा।
(पी. विजय भास्कर) भारतीय रिज़र्व बैंक भाग ख - विकासात्मक और विनियामक नीतियां 2009-10 (ख) बचत बैंक खातों पर दैनंदिन उत्पाद आधार पर ब्याज का भुगतान 88.वर्तमान में, बचत बैंक खातों पर ब्याज खाते में हर कैलेंडर महीने के दसवें दिन से आखिरी तारीख तक की अवधि में धारित न्यूनतम शेष राशि की गणना द्वारा निर्धारित किया जाता है । कई बैंकों ने सुझाव दिया है कि बचत बैंक खातों पर ब्याज की गणना या तो जमा खातों में महीने के पहले दिन से आखिरी तारीख तक की अवधि में धारित न्यूनतम शेष राशि पर हो अथवा दैनंदिन उत्पाद आधार पर की जाए । इस मामले में आइबीए को लिखा गया जिसका विचार यह रहा कि दैनंदिन उत्पाद के आधार पर ब्याज का भुगतान तभी व्यवहार्य होगा जब बैंकों में कंप्यूटरीकरण पूर्ण हो जाएगा। वाणिज्य बैंकों में कंप्यूटरीकरण के वर्तमान संतोषजनक स्तर को देखते हुए यह प्रस्ताव किया गया कि :
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