कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 का निष्पादन लेखापरीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 का निष्पादन लेखापरीक्षा
आरबीआई/2013-14/376 20 नवंबर 2013 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय, कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 का निष्पादन लेखापरीक्षा कृपया 7 मार्च 2013 का हमारा परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी) परि.सं.40/13.05.006/2012-13 देखें जिसके अनुसार शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया गया था कि वे एडीडबल्यूएआर, 2008 योजना के अंतर्गत शामिल लाभार्थियों की सूची का पूर्ण सत्यापन करें और उक्त परिपत्र में बताए गए अनुसार सुधारात्मक कदम उठाएं। इस संबंध में, शहरी सहकारी बैंकों का ध्यान उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 1 (iii) की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि अपात्र लाभार्थियों को दिए गए लाभ से संबंधित मामलों पर प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाना चाहिए तथा विधिपूर्वक पूरी वसूली की जानी चाहिए ताकि सरकार को हानि न पहुँच सके। साथ ही, संस्था के प्रधान की यह व्यक्तिगत जि़म्मेदारी होगी कि वह इन राशियों की पूरी वसूली सुनिश्चित करे। 2. यह पाया गया है कि अनावश्यक रूप से दिए गए लाभ के मामले के बारे में ज्ञात होने के बाद भी, वसूली की प्रक्रिया काफी धीरे से हो रही है और इस प्रकार पहचान की गई राशि को बैंकों ने अब तक भारतीय रिज़र्व बैंक को वापस नहीं किया है। अत: आपको सूचित किया जाता है कि पहचान की गई राशि को वापस करके वसूली की प्रक्रिया को अविलंब पूरा करें तथा लेखा बहियों में नियंत्रक – महालेखापरीक्षक (कैग) द्वारा बताए गए निम्नलिखित वर्गों में जब भी राशियों की वसूली की जाती है, तुरंत इन राशियों को लेखा बहियों में समायोजित कर दें: (i) अपात्र लाभार्थियों को दिए गए लाभ 3. ऐसे मामले जहां पर कैग ने लेखापरीक्षा नहीं की है, आप उन मामलों से संबंधित धन-वापसी की लंबित प्रक्रिया को गति दें और इस प्रकार दोनों मामलों में वसूल की गई राशि को भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को 20 दिसंबर 2013 तक वापस कर दें। भवदीय, (पी.के.अरोड़ा) |