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कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना, 2008 का निष्पादन लेखापरीक्षा

आरबीआई /2012-13/432
शबैं‍वि‍.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं.40/13.05.000/ 2012-13

7 मार्च 2013

मुख्य कार्यपालक अधि‍कारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारीबैंक

महोदया/ महोदय,

कृषि ऋण माफी और ऋण राहत  योजना, 2008 का निष्पादन लेखापरीक्षा

कृपया उक्त विषय पर 15 जनवरी 2013 का हमारा परिपत्र सं शबैवि.बीपीडी(पीसीबी).परि. 31/13.05.000/2012-13 देखें। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा किए गए टिप्पणियों की गंभीर प्रकृति को ध्यान में रखते हुए अन्य बातों के साथ भारत सरकार द्वारा निम्नत: वांछित किया गया है।

i) उच्च ऋणग्रस्तता वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए लाभार्थियों की सूची का सत्यापन करने की जरूरत है।

ii) सत्यापन, प्रमाणन या दावे को पारित करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, आंतरिक लेखा परीक्षकों और सांविधिक लेखा परीक्षकों की ओर से हुई प्रशासनिक/ लेखा खामियों को पहचानकर  जवाबदेही तय की जाए। बिना किसी अपवाद तुरंत कार्र्वाई शुरु करें और पूर्ण जिम्मेदारी तय की जाए।

iii) अयोग्य लाभार्थियों को लाभ प्राप्त होने वाले मामलों को गंभीरता एवं उच्च प्राथमिकता से लिया जाना चाहिए और राजकोष को किसी प्रकार की हानि न होना सुनिश्चित करने के लिए कानून के अनुसार पूर्ण वसूली किया जाना चाहिए। इस प्रकार की वसूली पूर्ण रूप में प्रभाव में लाना सुनिश्चित करना संस्था के अध्यक्ष का ज़िम्मेदारी होगा।

iv) रेकॉर्ड के साथ छेडछाड या परिवर्तन आदि जैसे सभी मामलों को अनिवार्यता: पहचानकर उच्च प्राधिकारी द्वारा संवीक्षा किया जाना है। इस प्रकार के हर मामले में सकारण आदेश के रूप में निर्णय लिया जाना चाहिए। जिम्मेदार के खिलाफ कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई शुरू किया जाना चाहिए। संबंधित संस्थाओं की परिस्थितियों के अनुसार  निदेशक मंडल/ प्रशासक/ मुख्य सतर्कता अधिकारियों द्वारा, इस पर नियमित रूप से निगरानी रखा जाना है।

v) सभी योग्य/ पात्र मामलों में ऋण छूट/ ऋण राहत प्रमाण पत्र तुरंत जारी किया जाना चाहिए और इस तरह जारी किए गए पूर्ण अभिलेख निरीक्षण के लिए तैयार रखा जा सकता है।

vi) पात्र लाभार्थियों में जिनको लाभ प्रदान नहीं किए गए हैं उनकी सूची तैयार करें तथा गुणात्मक दृष्टि से उसकी जांच की जाए ताकि इस प्रकार इंकार करने के कारणों की स्थापना हो सकें। जहाँ कदाशयता  या लापरवाही की संभावना दिखाई देती है ऐसे सभी मामलों में कार्रवाई आरंभ की जा सकती है।

2. हम इस संबंध में मासिक रिपोर्टिंग के लिए प्रपत्र संलग्न कर रहे हैं। प्रपत्र को भरने के उपरांत भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को हर महीने में 25 तारीख से पहले भेज दें ताकि हम तदनुसार सूचना भारत सरकार को दे सकें।

3. कृपया पावती संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दें।

भवदीय,

(ए उद्गाता)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

सं : यथोपरि

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