माल और सेवाओं को निर्यात - निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) के लिए वसूली की अवधि - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं को निर्यात - निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) के लिए वसूली की अवधि
आरबीआई/2004-05/264
एपी (डीआइआर सिरीजॅ) परिप)ा सं.25
नवंबर 1, 2004
विदेश्ीं मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
महोदया/महोदय,
माल और सेवाओं को निर्यात - निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) के लिए वसूली की अवधि
प्राधिवफ्त व्यापारी (एडी) बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फ्ेमा. 23/2000 - आर.बी. के विनियम 9 के उप-विनियम (1) के परंतुक की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार निर्यात आय की वसूली और भारत में उसके प्रत्यावर्तन की अवधि को छ: माह से और आगे बढ़ाने के लिए रिजॅर्व बैंक को अधिकार दिए गए हैं ।
2.सितंबर 2004 में विदेशी व्यापार नीति के संबंध में सरकार द्वारा की गयी घोषणा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि 100 प्रतिशत निर्यात उन्मुख इकाई (ईओयू) और इलेक्ट्रॉनिक हाड़वेयर तकनीकी (इएचटीपी) पार्क साफ्टवेयर तकनीकी पार्क (एसटीपी) और बायो तकनीकी पार्क (बीटीवी) योजनाओं के अंतर्गत स्थापित इकाइयों, को निर्यात तिथि से बारह माह की अवधि के अंदर निर्यात आय के पूरे मूल्य को वसूली और प्रत्यावर्तन की अनुमति दी जाएगी ।
3.उक्त इकाइयों द्वारा ईईएफ्सी खाते में विदेश्ीं मुद्रा अर्जन के 100 प्रतिशत जमा से संबंधित विद्यमान दिशा-निदेश आगे भी जारी रहेंगे ।
4.सितंबर 1, 2004 को अथवा उसके पश्चात् किए गए निर्यातों के लिए यह रियायत उपलब्ध होगी ।
5.प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहव ों को अवगत करा दें ।
6.इस परिपत्र में समाहित निदेश्। विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति /अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।
भवदीय
( एफ्.आर. जोसेफ्)
मुख्य महा प्रबंधक