भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) के अंतर्गत भुगतान प्रणाली परिचालकों (पीएसओ) को जारी किए गए प्रमाण पत्र के लिए स्थायी वैधता - आरबीआई - Reserve Bank of India
भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) के अंतर्गत भुगतान प्रणाली परिचालकों (पीएसओ) को जारी किए गए प्रमाण पत्र के लिए स्थायी वैधता
आरबीआई/2020-21/72 4 दिसंबर, 2020 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/महोदय, भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) के अंतर्गत भुगतान इस संबंध में दिनांक 9 अक्टूबर, 2020 के विकासात्मक और नियामक नीतियों पर वक्तव्य का संदर्भ लें जिसमें भारतीय रिज़र्व बैंक ने कुछ शर्तों के अधीन, पीएसएस अधिनियम के अंतर्गत सभी पीएसओ के लिए स्थायी आधार पर प्राधिकरण देने की घोषणा की थी। 2. वर्तमान में, आरबीआई भुगतान प्रणाली के परिचालन हेतु इच्छुक नई संस्थाओं को पांच वर्षों तक निर्दिष्ट अवधि के लिए प्राधिकरण प्रदान करता है। मौजूदा संस्थाओं को प्राधिकरण की वैधता के नवीनीकरण के लिए भी इसी तरह का दृष्टिकोण अपनाया जाता है। लाइसेंस संबंधी अनिश्चितताओं को कम करने और पीएसओ को अपने व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाने के लिए एवं साथ ही विनियामक संसाधनों का इष्टतम उपयोग करने के लिए, अब यह निर्णय लिया गया है कि इसके पश्चात, सामान्य परिस्थितियों के अधीन सभी पीएसओ (नए और मौजूदा दोनों) को स्थायी आधार पर प्राधिकरण प्रदान किया जाए। 3. मौजूदा प्राधिकृत पीएसओ के लिए, जब भी सीओए के नवीनीकरण का समय होगा तब उन्हें स्थायी वैधता प्रदान किए जाने संबंधी जांच की जाएगी, बशर्ते कि वे निम्नलिखित का अनुपालन सुनिश्चित करते हों : क) जिन सेवा शर्तों के अधीन प्राधिकरण प्रदान किया गया था उनका पूर्ण अनुपालन; ख) पूंजी, नेटवर्थ आवश्यकताओं इत्यादि जैसे प्रवेश मानदंडों का पूरा होना ; ग) ऑनसाइट और / या ऑफसाइट निगरानी के दौरान पीएसओ के परिचालन से संबंधित कोई बड़ी विनियामक या पर्यवेक्षी चिंता न हो ; घ) ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र की प्रभावकारिता; ङ) भारतीय रिजर्व बैंक के अन्य विभागों / विनियामकों / वैधानिक निकायों आदि की ओर से कोई प्रतिकूल रिपोर्ट न हो। 4. मौजूदा पीएसओ, जो सभी शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, उन्हें अनुपालन करने में सक्षम बनाने के लिए एक साल का नवीनीकरण दिया जाएगा; यदि कोई संस्था दिये गए समय में ऐसा करने में विफल रहती है, तो उसका प्राधिकरण वापस लिया जा सकता है। 5. यदि कोई संस्था प्राधिकरण की किसी भी शर्त का अनुपालन करने में असफल रहती है तो भारतीय रिज़र्व बैंक पीएसएस अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत यथोचित कार्रवाई कर सकता है जिसमें भुगतान प्रणाली के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने और / या सीओए का निरसन शामिल है। 6. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 के अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है । भवदीय, (पी. वासुदेवन) |