प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियों का निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियों का निवेश
भारिबैं/2015-16/236 कार्तिक 28, 1937 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय, प्राथमिक शहरी सहकारी बैंकों द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशियों का निवेश कृपया उक्त विषय पर हमारे द्वारा जारी दिनांक 17 मई 2003 का परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.पीसीबी.परि.46/16.20.000/2002-03 और 30 जनवरी 2009 का परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.पीसीबी. परि.47/16.20.000/2008-09 में निहित दिशानिर्देशों को देखें। 2. समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि अन्य अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों से जमा स्वीकार करने के लिए अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को अनुमति दी जाए, बशर्ते कि वह समाशोधन के प्रयोजन के लिए प्रायोजक बैंक के रूप में कार्य करने, मांग ड्राफ्ट व्यवस्था के अंतर्गत, सीएसजीएल सुविधा, मुद्रा तिजोरी सुविधा, विदेशी मुद्रा विनिमय अंतरण, धन प्रेषण सुविधा तथा बैंक गारंटी, एलसी जैसे गैर निधि आधारित सुविधा देने जैसे विशिष्ट सेवाएं दूसरे बैंकों को प्रदान करने की व्यवस्था के भाग के रूप का हो। यह भी निर्णय लिया गया है कि निम्न शर्तों को पूरा करने वाले अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को ही अनुसूचित/ गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों से जमा स्वीकार करने की अनुमति दी जाए।
3. फिर भी, निवेश के प्रयोजन के लिए जमा स्वीकार करने के प्रकार में अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक द्वारा अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक से जमा स्वीकार करना प्रतिबंधित है। 4. अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक जिन्होंने अन्य गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों से जमा स्वीकार किया है लेकिन उक्त निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं कर पाए हैं उन्हें अन्य शहरी सहकारी बैंकों के विद्यमान जमा को 31 मार्च 2019 तक निम्न प्रकार से हटाने (फेज़ आउट करने के लिए) सूचित किया जाता है।
उक्त अवधि के दौरान इस प्रकार के अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को उनके साथ खाता रखने वाले/ अनुरक्षित करने वाले गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों से आगे जमा स्वीकार करने और शहरी सहकारी बैंकों द्वारा नया जमा खाता खोलने के लिए अनुमति नहीं है। विद्यमान जमा के नवीकरण के लिए अनुमति है, बशर्ते कि उक्त बताए अनुसार हटाने (फेज़ आउट करने के लिए) की योजना लागू की गई हो। 5. वर्तमानत: निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले शहरी सहकारी बैंक यदि भविष्य में उसे पूरा न किए जाने की स्थिति आने पर इस प्रकार के चूक के तुरंत बाद से गैर अनुसूचित/ अनुसूचित बैंकों से नए जमा स्वीकार करने के लिए पात्र नहीं होंगे। इस प्रकार जमा स्वीकार करने के लिए अयोग्य होने वाले वित्त वर्ष के अंत अर्थात 31 मार्च तक 10% जमा को हटाया जाए (फेज़ आउट किया जाए) और आगामी वित्त वर्षों के अंत तक 40%, 70%, 100% के रूप में जमा को हटाया जाए (फेज़ आउट किया जाए)। उक्त अवधि के दौरान इस प्रकार के अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों को उनके साथ खाता रखने वाले/ अनुरक्षित करने वाले गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों से इसके उपरांत जमा स्वीकार करने और शहरी सहकारी बैंकों द्वारा नया जमा खाता खोलने की अनुमति नहीं है। विद्यमान जमा के नवीकरण के लिए उन्हें अनुमति है, बशर्ते कि उक्त बताए अनुसार हटाने (फेज़ आउट करने) की योजना लागू किया गया हो। 6. अनुच्छेद चार और पांच में उल्लिखित दोनों संदर्भों में यदि उक्त अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक अनुच्छेद दो में निर्धारित पात्रता ग्रहण करता है तो वे अनुसूचित/ गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों से जमा स्वीकार करने के लिए पात्र होंगे और उनसे फेज़ आउट योजना का कार्यान्वयन अपेक्षित नहीं है। 7. अनुसूचित/ गैर अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक द्वारा जमा रखना और अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक द्वारा जमा स्वीकार किया जाना निम्न विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुसार होगा। i. विवेकपूर्ण अंतर बैंक (सकल) निवेश सीमा: सभी प्रयोजनों के लिए अन्य बैंकों (अंतर बैंक) में किसी शहरी सहकारी बैंक द्वारा रखी गई कुल जमाराशियां गत वर्ष के 31 मार्च तक अपनी कुल जमा देयताओं के 20% से अधिक नहीं होनी चाहिए। वाणिज्यिक बैंकों, अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों, राज्य/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों में जमालेखा तथा अंतर बैंक के निवेश के रूप में वाणिज्यिक बैंकों द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्रों में निवेश के रूप में धारित शेष को इस 20% की सीमा में शामिल किया जाएगा। ii. विवेकपूर्ण अंतर बैंक काउंटरपार्टी सीमा: विवेकपूर्ण अंतर बैंक (सकल) निवेश सीमा के भीतर किसी विशेष प्रयोजन के लिए एकल बैंक के पास जमा राशियां गत वर्ष के 31 मार्च तक जमा करने वाले बैंक की कुल जमा देयताओं के 5% से अधिक नहीं होनी चाहिए। iii. उपर्युक्त अनुच्छेद 2 में उल्लिखित शर्तों को पूरा करने वाले किसी अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक द्वारा स्वीकृत कुल अंतर-शहरी सहकारी बैंक जमाराशियां पिछले वित्त वर्ष के 31 मार्च को उसकी कुल जमा देयताओं के 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए। 8. ये अनुदेश 17 मई 2003 का परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.पीसीबी.परि.46/16.20.000/2002-03 और 30 जनवरी 2009 का परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.पीसीबी.परि.47/16.20.000/2008-09 में निहित दिशानिर्देशों के अधिक्रमण में जारी किया गया है। भवदीया, (सुमा वर्मा) |