बाह्य वाणिज्यिक उधार का समयपूर्व भुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार का समयपूर्व भुगतान
आरबीआइ/2007-08/147
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.10
सितंबर 26, 2007
सेवा में
सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
बाह्य वाणिज्यिक उधार का समयपूर्व भुगतान
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार के समयपूर्व भुगतान के संबंध में अप्रैल 30, 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.44 की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. कंपनियों को चलनिधि और ब्याज लागत के सक्रिय रूप से संचालन को और अधिक लोच प्रदान करने की दृष्टि से बाह्य वाणिज्यिक उधार का समयपूर्व भुगतान की 400 मिलियन अमरीकी डॉलर की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 500 मिलियन अमरीकी डॉलर कर दिया गया है। तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक ऋण पर यथालागू न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि के अनुपालन की शर्त पर, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बगैर, 500 मिलियन अमरीकी डॉलर तक बाह्य वाणिज्यिक उधार के समयपूर्व भुगतान की अनुमति दे सकते हैं।
3. उपर्युक्त परिवर्तन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और समीक्षाधीन होंगे।
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक