प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को अग्रिम - आवासीय प्रयोजन हेतु ऋण
भारिबैं / 2007- 08 /114
ग्राआऋवि.केका.सं.आरआरबी.बीसी. 19 / 03.05.33/2007-08
13 अगस्त 2007
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय,
प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को अग्रिम - आवासीय प्रयोजन हेतु ऋण
कृपया दिनांक 29 अप्रैल 2003 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.पीएलएनएफएस.बीसी.सं. 92/06.11.01/2002-03 देखें जिसके अनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उनके बोर्ड के अनुमोदन से प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार धके भाग के रूप में ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आवास क्षेत्र को 10 लाख रुपए तक प्रत्यक्ष वित्त प्रदान करने की अनुमति दी गई थी। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को वाणिज्य बैंकों के स्तर पर लाने हेतु अब यह निर्णय लिया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक उनके बोर्ड के अनुमोदन से स्थान का ध्यान रखे बिना आवास क्षेत्र को 20लाख रुपए तक प्रत्यक्ष वित्त प्रदान कर सकते हैं।
2. साथ ही, दिनांक 24 अक्तूबर 1996 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.बीसी. 54/03.05.33/96-97 के द्वारा निर्धारित पिछले वर्ष के वृद्धिशील जमाराशियों की 5 प्रतिशत की सीमा भी वापस ले ली गई है ।
भवदीय
( सी.एस.मूर्ति )
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
उक्त दिनांक का परांकन ग्राआऋवि.केका.आरआरबी.सं. / 03.05.34/2007-08
प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ प्रेषित :
- सभी प्रायोजक बैंक ।
- नाबार्ड, प्रधान कार्यालय, आइडीडी/डीओएस, मुंबई ।
- ग्राआऋवि के सभी क्षेत्रीय कार्यालय ।
( एन.के.भाटिया )
उप महाप्रबंधक
उक्त दिनांक का परांकन ग्राआऋवि.प्रशा.सं. /01.10.15/2006-07 के कार्यालय आदेश क्र. के संदर्भ में । प्रतिलिपि निम्नलिखित को जानकारी और आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित ।
( आर.कुमारेसन ) |
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