पीएसएल के तहत निर्यात ऋण के वर्गीकरण हेतु स्वीकृत सीमा को बढ़ाकर रु.250 मिलियन प्रति उधारकर्ता से रु.400 मिलियन प्रति उधारकर्ता किया जाए।
‘रु.1 बिलियन तक के टर्नओवर वाले यूनिट’ संबंधी मौजूदा मानदंडों को हटा दिया जाए।
2. पीएसएल के तहत ‘वृद्धिशील निर्यात ऋण, जो पूर्ववर्ती वर्ष की तदनुरूपी तारीख को विद्यमान निर्यात ऋण से अधिक है, एएनबीसी अथवा तुलन-पत्र से इतर एक्सपोजर की सममूल्य राशि का ऋण के 2 प्रतिशत, इनमें से जो भी अधिक हो, को वर्गीकृत करने हेतु घरेलू अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए जारी मौजूदा दिशानिर्देश उक्त उल्लेखित (i) में दिए गए मानदंडों के अधीन लागू होना जारी रहेगा।
3. विदेशी बैंकों के संबंध में वर्तमान निर्देशों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
भवदीय,
(गौतम प्रसाद बोरा) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
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