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परियोजना कार्यालय - भारत में आवर्ती (इंटरमिटेंट) विप्रेषण एवं विदेशी मुद्रा खाता

 

आरबीआइ/2005/471
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.44

मई 17, 2005

सेवा में

विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक

मबेदया/मबेदय

परियोजना कार्यालय - भारत में आवर्ती (इंटरमिटेंट) विप्रेषण एवं विदेशी मुद्रा खाता

प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में शाखा अथवा कार्यालय अथवा अन्य व्यवसाय के स्थानों की स्थापना) विनियमावली, 2000; मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.22/2000-आरबी और समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.13/2000-आरबी साथ ही नवंबर 15, 2003 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.37 की ओर आकर्षित किया जाता है।

2. वर्तमान में विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में स्थापित परियोजना कार्यालयों को विदेशी मुद्रा खाता खोलने हेतु रिज़र्व बैंक के अनुमोदन की आवश्यकता होती है। परियोजना कार्यालयों के लिए प्रक्रिया को और उदार बनाने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के बिना नीचे निर्धारित शर्तों के अधीन प्राधिवफ्त व्यापारियों को परियोजना कार्यालयों (रिज़र्व बैंक के सामान्य/ विशिष्ट अनुमोदन के तहत स्थापित) के लिए विदेशी मुद्रा खाते खोलने तथा परियोजना कार्यालयों द्वारा आवर्ती (इंटरमिटेंट) विप्रेषण की अनुमति दी जाए।

2.1 विदेशी मुद्रा खाता खोलना :

प्राधिवफ्त व्यापारियों की संबंधित शाखा निम्नलिखित शर्तों के अधीन भारत स्थित परियोजना कार्यालयों के लिए ब्याज रहित विदेशी मुद्रा खाता खोल सकती हैं :

क) परियोजना कार्यालय को स्वीवफ्ति प्रदान करनेवाले प्राधिकरण से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद रिज़र्व बैंक के सामान्य/ विशिष्ट अनुमोदन से भारत में परियोजना कार्यालय की स्थापना की गई है,

ख) करार में, जिसके अंतर्गत परियोजना स्वीकार की गई है, विशेष रूप से विदेशी मुद्रा में भुगतान के लिए प्रावधान किया जाता है,

ग) प्रत्येक परियोजना का केवल एक विदेशी मुद्रा खाता है,

घ) खाते में अनुमत नामे और जमा निम्नानुसार होंगे:

• नामे :

• परियोजना संबंधी व्यय का भुगतान

• जमा

• परियोजना को स्वीवफ्ति प्रदान करनेवाले प्राधिकरण से विदेशी मुद्रा प्राप्तियां और

• विदेश स्थित मूल/ समूह कंपनी अथवा द्विपक्षीय/बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय वित्तपोषक एजेंसियों से प्राप्त विप्रेषण।

ङ) विदेशी मुद्रा खाते में केवल अनुमोदित नामे और जमा की अनुमति दी जाती है, इस बात को सुनिश्चित करने का पूरा दायित्व प्राधिवफ्त व्यापारी की संबंधित शाखा पर होगा। इसके अलावा, खाते संबंधित प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक के समवर्ती लेखापरीक्षकों द्वारा शत प्रतिशत जांच के अधीन होंगे।

च) परियोजना की समाप्ति पर विदेशी मुद्रा खाते को बन्द किया जाए।

2.2 आवर्ती (इंटरमिटेंट) विप्रेषण:

प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा परियोजना के विचाराधीन समापन/पूर्णतावाले परियोजना कार्यालय द्वारा इंटरमिटेंट विप्रेषण की अनुमति दें बशर्ते वे लेनदेन की वास्तविकता से संतुष्ट हों और वे निम्नलिखित के अधीन हो :

• परियोजना कार्यालय लेखा परीक्षक/ सनदी लेखाकार से प्राप्त इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है कि भारत में देयताओं, जिसमें आयकर भी शामिल हैं को पूरा करने के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं।

• परियोजना कार्यालय से प्राप्त एक वचन पत्र कि प्रेषण किसी भी तरह से भारत में परियोजना की पूर्णता को प्रभावित नहीं करेगा और कि भारत में किसी भी देयता को पूरा करने के लिए निधियों में आई कमी को विदेश से आवक प्रेषण द्वारा पूरा किया जाएगा।

2.3 रिपोर्टिंग अपेक्षाएं:

भारत में परियोजना कार्यालय स्थापित करनेवाली विदेशी कंपनी को संबंधित प्राधिवफ्त शाखा के माध्यम से रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय, जिसके क्षेत्राधिकार में परियोजना कार्यालय स्थापित है, को निम्नलिखित ब्योरों सहित एक रिपोर्ट प्रस्तुत करना पड़ेगा :

(क) विदेशी कंपनी का नाम और पता,

(ख) मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 22/2000-आरबी के विनियम 5 के खण्ड (वव) में किए गए उल्लेख के अनुसार करार प्रदान करनेवाले पत्र की संदर्भ संख्या और तारीख,

(ग) परियोजना/ करार प्रदान करनेवाले प्राधिकरण के ब्योरे,

(घ) करार की कुल राशि,

(ङ) परियोजना कार्यालय का पता/ ई-मेल पता/ टेलीफोन सं./ फैक्स सं.,

(च) परियोजना कार्यालय की अवधि,

(छ) शुरू की गई परियोजना का संक्षिप्त ब्योरा,

(ज) प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा, जिसके पास खाता खोला गया है और विदेशी मुद्रा का नाम जिसमें खाता खोला गया है,

(झ) इस आशय का वचन पत्र कारण बताते हुए कि परियोजना कार्यालय जुलाई 2, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा 95 के साथ पठित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. 22/2000-आरबी के विनियम 5(वव) के अंतर्गत सामान्य अनुमति प्राप्त करने का पात्र है।

यह रिपोर्ट रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राधिवफ्त शाखा के माध्यम से परियोजना कार्यालय की स्थापना के दो महीने के अंदर भेज दी जाएगी।

2.4 परियोजना कार्यालय वार्षिक आधार पर प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा को सनदी लेखाकार से प्राप्त एक प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करेगा, जिसमें परियोजना की स्थिति बताते हुए यह प्रमाणित किया जाए कि परियोजना कार्यालय के खातों का लेखा परीक्षण किया गया है और किए गए कार्यकलाप रिज़र्व बैंक द्वारा दिए गए सामान्य/ विशेष अनुमति के अनुरूप है।

3. रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय, जिसके क्षेत्राधिकार में परियोजना कार्यालय स्थापित है, की पूर्व अनुमति से निधियों के अंतर परियोजना अंतरण की अनुमति दी जाएगी।

4. परियोजना कार्यालय और परियोजना को स्वीवफ्ति देनेवाले प्राधिकरण अथवा अन्य सरकारी/ गैर सरकारी एजेंसियां, आदि के बीच किसी विवाद के मामले में ऐसे खातों की शेष राशि को भारतीय रुपये में परिवर्तित किया जाएगा तथा विशेष खाते में जमा किया जाएगा और उस पर विवाद के निपटान के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

5. पैरा 3 में उल्लिखित अधिसूचना द्वारा स्वीवफ्त सामान्य अनुमति के अधीन न आनेवाले परियोजना कार्यालय अपने-अपने क्षेत्रीय कार्यालयों, जिसके क्षेत्राधिकार में वे स्थापित हैं, से आवश्क अनुमोदन हेतु संपर्क करें।

6. उपर्युक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

7. प्राधिवफ्त व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

8. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

 

भवदीय

(एफ.आर. जोसफ)
मुख्य महाप्रबंधक

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