गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा
भा.रि.बैंक/2021-22/139 14 दिसंबर, 2021 जमाराशि स्वीकार करने वाले सभी एनबीएफसी महोदय/ महोदया, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2002 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचा (पीसीए) लागू किया था। इसके संबंध में प्राप्त अनुभव और बैंकिंग प्रणाली में हुए विकास के आधार पर समय-समय पर इसकी समीक्षा की गई है। पीसीए ढांचे का उद्देश्य उचित समय पर पर्यवेक्षी हस्तक्षेप को सक्षम बनाना है। इसके तहत पर्यवेक्षित इकाई से यह अपेक्षित है कि वह उपचारात्मक उपायों को समयबद्ध ढंग से शुरू और लागू करे ताकि उसकी वित्तीय स्थिति ठीक की जा सके। पीसीए ढांचा प्रभावी बाजार अनुशासन बनाए रखने का एक साधन भी है। पीसीए ढांचा, भारतीय रिज़र्व बैंक को ढांचे में निर्धारित सुधारात्मक कार्रवाइयों के अलावा किसी भी समय कोई अन्य कार्रवाई करने से नहीं रोकता है। 2. एनबीएफसी आकार में बढ़ रहे हैं और वित्तीय प्रणाली के अन्य क्षेत्रों के साथ इसके पर्याप्त अंतर्संबंध हैं। तदनुसार, अब यह निर्णय लिया गया है कि एनबीएफसी पर लागू होने वाले पर्यवेक्षी उपकरणों को और मजबूत करने के लिए एनबीएफसी के लिए एक पीसीए ढांचा तैयार किया जाए। एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचा, जैसा कि संलग्न अनुबंध में निहित है, 31 मार्च 2022 को या उसके बाद एनबीएफसी की वित्तीय स्थिति के आधार पर 1 अक्टूबर 2022 से प्रभावी होगा। 3. मौजूदा विनियमों के अनुसार, सरकारी एनबीएफसी को, एनबीएफसी के लिए जारी पूंजी पर्याप्तता मानदंडों का पालन करने के लिए 31 मार्च 2022 तक का समय दिया गया है (संदर्भ. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार न करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 का अनुबंध-I)। तदनुसार, सरकारी एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचे की प्रयोजनीयता के संबंध में एक अलग परिपत्र जारी किया जाएगा। 4. पीसीए ढांचे की समीक्षा तीन साल के परिचालन के बाद की जाएगी। भवदीय, (अजय कुमार चौधरी) संलग्नक: एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचा एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचा क. पीसीए ढांचा एनबीएफसी की निम्नलिखित श्रेणी के लिए लागू है: क. जमाराशि स्वीकार करने वाली सभी एनबीएफसी [सरकारी कंपनियों को छोड़कर] (एनबीएफसी-डी) ख. मध्य, उच्च और शीर्ष स्तर की जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली सभी एनबीएफसी3 (एनबीएफसी-एनडी); [निवेश और क्रेडिट कंपनियां, कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी), अवसंरचना ऋण निधि, अवसंरचना फाइनेंस कंपनियां, माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं और फैक्टर सहित]; लेकिन [(i) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जो जनता से जमाराशि4 स्वीकार नहीं कर रही हैं/स्वीकार करने का इरादा नहीं रखती हैं; (ii) सरकारी कंपनियां, (iii) प्राथमिक डीलर और (iv) हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां - छोड़कर] ख. एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-एनडी के लिए, पीसीए ढांचे में निगरानी के लिए पूंजी और आस्ति गुणवत्ता प्रमुख क्षेत्र होंगे। सीआईसी के लिए, पीसीए ढांचे में निगरानी के लिए पूंजी, लीवरेज और आस्ति गुणवत्ता प्रमुख क्षेत्र होंगे। ग. एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-एनडी के लिए, ट्रैक किए जाने वाले संकेतक पूंजी से जोखिम भारित आस्ति अनुपात (सीआरएआर), टियर I पूंजी अनुपात और निवल एनपीए अनुपात (एनएनपीए) होंगे। सीआईसी के लिए, ट्रैक किए जाने वाले संकेतक समायोजित निवल मूल्य/कुल जोखिम भारित आस्तियां, लीवरेज अनुपात और एनएनपीए होंगे। घ. एक एनबीएफसी को आम तौर पर लेखा परीक्षित वार्षिक वित्तीय परिणामों और/या आरबीआई द्वारा किए गए पर्यवेक्षी मूल्यांकन के आधार पर पीसीए ढांचे के तहत रखा जाएगा। हालांकि, आरबीआई एक वर्ष के दौरान किसी भी एनबीएफसी पर पीसीए लगा सकता है (एक सीमा से दूसरी सीमा में स्थानांतरण सहित) यदि परिस्थितियाँ ऐसी हों। ङ. जब एक एनबीएफसी को पीसीए के तहत रखा जाता है और साथ ही जब एक एनबीएफसी को पीसीए से बाहर किया जाता है तो रिज़र्व बैंक एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करेगा। च. किसी भी जोखिम सीमा के उल्लंघन (जैसा कि नीचे वर्णित है) के परिणामस्वरूप पीसीए लगाया जा सकता है। एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-एनडी (सीआईसी को छोड़कर) के लिए:
सीआईसी के लिएः
छ. पीसीए से बाहर निकलना और पीसीए के तहत प्रतिबंधों को वापस लेना - एक बार जब किसी एनबीएफसी को पीसीए के तहत रखा जाता है, तो एनबीएफसी को पीसीए ढांचे से बाहर करना और/या पीसीए ढांचे के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को वापस लेने पर विचार किया जाएगा: ए) यदि चार निरंतर तिमाही वित्तीय विवरणों, जिनमें से एक वार्षिक लेखा परीक्षित वित्तीय विवरण (आरबीआई द्वारा मूल्यांकन के अधीन) होना चाहिए, के अनुसार जोखिम सीमाओं के किसी भी मानदंड में कोई उल्लंघन नहीं पाया जाता है; और बी) एनबीएफसी की लाभप्रदता की स्थिरता पर मूल्यांकन सहित आरबीआई की पर्यवेक्षी सहुलियत के आधार पर। ज. सुधारात्मक कार्रवाइयों का मेनू नीचे दिया गया है:
विवेकाधीन सुधारात्मक कार्रवाइयों के चयन के लिए सामान्य सूची 1. विशेष पर्यवेक्षी कार्रवाइयां
2. रणनीतिक कार्रवाइयां
3. शासकीय कार्रवाइयां
4. पूंजी संबंधी कार्रवाइयां
5. क्रेडिट जोखिम संबंधी कार्रवाइयां
6. बाजार जोखिम संबंधी कार्रवाइयां
7. एचआर से संबंधित कार्रवाइयां
8. लाभप्रदता संबंधी कार्रवाइयां
9. परिचालन संबंधी कार्रवाईयां
10. एनबीएफसी की विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोई अन्य विशेष कार्रवाई जिसे आरबीआई उचित समझे। 1 संदर्भ: स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर): एनबीएफसी के लिए एक संशोधित विनियामक ढांचा पर दिनांक 22 अक्टूबर 2021 का आरबीआई परिपत्र डीओआर.सीआरई.आरईसी.सं.60/03.10.001/2021-22 2 "पब्लिक फंड" में जनता की जमाराशि, वाणिज्यिक पत्र, डिबेंचर, अंतर-कॉर्पोरेट जमाराशि और बैंक वित्त के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुटाई गई धनराशि शामिल होगी, लेकिन उन लिखतों द्वारा जुटाई गई धनराशि शामिल नहीं होगी जो उनके जारी होने के 5 वर्षों के भीतर अनिवार्य रूप से इक्विटी शेयरों में परिवर्तनीय हो। 3 संदर्भ: स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर): एनबीएफसी के लिए एक संशोधित विनियामक ढांचा पर दिनांक 22 अक्टूबर 2021 का आरबीआई परिपत्र डीओआर.सीआरई.आरईसी.सं.60/03.10.001/2021-22 4 "पब्लिक फंड" में जनता की जमाराशि, वाणिज्यिक पत्र, डिबेंचर, अंतर-कॉर्पोरेट जमाराशि और बैंक वित्त के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुटाई गई धनराशि शामिल होगी, लेकिन उन लिखतों द्वारा जुटाई गई धनराशि शामिल नहीं होगी जो उनके जारी होने के 5 वर्षों के भीतर अनिवार्य रूप से इक्विटी शेयरों में परिवर्तनीय हो। |