RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79203319

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा

भा.रि.बैंक/2021-22/139
प.वि.के.का.पीपीजी.एसईसी.7/11.01.005/2021-22

14 दिसंबर, 2021

जमाराशि स्वीकार करने वाले सभी एनबीएफसी
[सरकारी कंपनियों को छोड़कर]
मध्य, उच्च और शीर्ष स्तर के जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाले सभी एनबीएफसी1
[(i) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जो जनता की जमाराशि2 स्वीकार नहीं कर रही हैं/ स्वीकार करने का इरादा नहीं रखती हैं; (ii) सरकारी कंपनियां, (iii) प्राथमिक डीलर और (iv) हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां- को छोड़कर]

महोदय/ महोदया,

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) ढांचा

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2002 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई ढांचा (पीसीए) लागू किया था। इसके संबंध में प्राप्त अनुभव और बैंकिंग प्रणाली में हुए विकास के आधार पर समय-समय पर इसकी समीक्षा की गई है। पीसीए ढांचे का उद्देश्य उचित समय पर पर्यवेक्षी हस्तक्षेप को सक्षम बनाना है। इसके तहत पर्यवेक्षित इकाई से यह अपेक्षित है कि वह उपचारात्मक उपायों को समयबद्ध ढंग से शुरू और लागू करे ताकि उसकी वित्तीय स्थिति ठीक की जा सके। पीसीए ढांचा प्रभावी बाजार अनुशासन बनाए रखने का एक साधन भी है। पीसीए ढांचा, भारतीय रिज़र्व बैंक को ढांचे में निर्धारित सुधारात्मक कार्रवाइयों के अलावा किसी भी समय कोई अन्य कार्रवाई करने से नहीं रोकता है।

2. एनबीएफसी आकार में बढ़ रहे हैं और वित्तीय प्रणाली के अन्य क्षेत्रों के साथ इसके पर्याप्त अंतर्संबंध हैं। तदनुसार, अब यह निर्णय लिया गया है कि एनबीएफसी पर लागू होने वाले पर्यवेक्षी उपकरणों को और मजबूत करने के लिए एनबीएफसी के लिए एक पीसीए ढांचा तैयार किया जाए। एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचा, जैसा कि संलग्न अनुबंध में निहित है, 31 मार्च 2022 को या उसके बाद एनबीएफसी की वित्तीय स्थिति के आधार पर 1 अक्टूबर 2022 से प्रभावी होगा।

3. मौजूदा विनियमों के अनुसार, सरकारी एनबीएफसी को, एनबीएफसी के लिए जारी पूंजी पर्याप्तता मानदंडों का पालन करने के लिए 31 मार्च 2022 तक का समय दिया गया है (संदर्भ. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार न करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 का अनुबंध-I)। तदनुसार, सरकारी एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचे की प्रयोजनीयता के संबंध में एक अलग परिपत्र जारी किया जाएगा।

4. पीसीए ढांचे की समीक्षा तीन साल के परिचालन के बाद की जाएगी।

भवदीय,

(अजय कुमार चौधरी)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

संलग्नक: एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचा


अनुबंध

एनबीएफसी के लिए पीसीए ढांचा

क. पीसीए ढांचा एनबीएफसी की निम्नलिखित श्रेणी के लिए लागू है:

क. जमाराशि स्वीकार करने वाली सभी एनबीएफसी [सरकारी कंपनियों को छोड़कर] (एनबीएफसी-डी)

ख. मध्य, उच्च और शीर्ष स्तर की जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली सभी एनबीएफसी3 (एनबीएफसी-एनडी);

[निवेश और क्रेडिट कंपनियां, कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी), अवसंरचना ऋण निधि, अवसंरचना फाइनेंस कंपनियां, माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं और फैक्टर सहित]; लेकिन

[(i) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जो जनता से जमाराशि4 स्वीकार नहीं कर रही हैं/स्वीकार करने का इरादा नहीं रखती हैं; (ii) सरकारी कंपनियां, (iii) प्राथमिक डीलर और (iv) हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां - छोड़कर]

ख. एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-एनडी के लिए, पीसीए ढांचे में निगरानी के लिए पूंजी और आस्ति गुणवत्ता प्रमुख क्षेत्र होंगे।

सीआईसी के लिए, पीसीए ढांचे में निगरानी के लिए पूंजी, लीवरेज और आस्ति गुणवत्ता प्रमुख क्षेत्र होंगे।

ग. एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-एनडी के लिए, ट्रैक किए जाने वाले संकेतक पूंजी से जोखिम भारित आस्ति अनुपात (सीआरएआर), टियर I पूंजी अनुपात और निवल एनपीए अनुपात (एनएनपीए) होंगे। सीआईसी के लिए, ट्रैक किए जाने वाले संकेतक समायोजित निवल मूल्य/कुल जोखिम भारित आस्तियां, लीवरेज अनुपात और एनएनपीए होंगे।

घ. एक एनबीएफसी को आम तौर पर लेखा परीक्षित वार्षिक वित्तीय परिणामों और/या आरबीआई द्वारा किए गए पर्यवेक्षी मूल्यांकन के आधार पर पीसीए ढांचे के तहत रखा जाएगा। हालांकि, आरबीआई एक वर्ष के दौरान किसी भी एनबीएफसी पर पीसीए लगा सकता है (एक सीमा से दूसरी सीमा में स्थानांतरण सहित) यदि परिस्थितियाँ ऐसी हों।

ङ. जब एक एनबीएफसी को पीसीए के तहत रखा जाता है और साथ ही जब एक एनबीएफसी को पीसीए से बाहर किया जाता है तो रिज़र्व बैंक एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करेगा।

च. किसी भी जोखिम सीमा के उल्लंघन (जैसा कि नीचे वर्णित है) के परिणामस्वरूप पीसीए लगाया जा सकता है।

एनबीएफसी-डी और एनबीएफसी-एनडी (सीआईसी को छोड़कर) के लिए:

संकेतक जोखिम सीमा-1 जोखिम सीमा-2 जोखिम सीमा-3
सीआरएआर विनियामकीय न्यूनतम सीआरएआर से नीचे - 300 बीपीएस तक [वर्तमान में, सीआरएआर <15% लेकिन ≥12%] विनियामकीय न्यूनतम सीआरएआर से नीचे - 300 बीपीएस से अधिक लेकिन 600 बीपीएस तक [वर्तमान में, सीआरएआर <12% लेकिन ≥9%] विनियामकीय न्यूनतम सीआरएआर से नीचे - 600 बीपीएस से अधिक [वर्तमान में, सीआरएआर <9%]
टियर । पूंजी अनुपात विनियामकीय न्यूनतम टीयर I पूंजी अनुपात से नीचे - 200 बीपीएस तक [वर्तमान में, टीयर I पूंजी अनुपात <10% लेकिन ≥8%] विनियामकीय न्यूनतम टीयर I पूंजी अनुपात से नीचे - 200 बीपीएस से अधिक लेकिन 400 बीपीएस तक [वर्तमान में, टीयर I पूंजी अनुपात <8% लेकिन ≥6%] विनियामकीय न्यूनतम टीयर I पूंजी अनुपात से नीचे - 400 बीपीएस से अधिक [वर्तमान में, टीयर I पूंजी अनुपात <6%]
एनएनपीए अनुपात (एनपीआई सहित) >6% लेकिन ≤ 9% >9% लेकिन ≤12% >12%

सीआईसी के लिएः

संकेतक जोखिम सीमा-1 जोखिम सीमा-2 जोखिम सीमा-3
समायोजित निवल मूल्य/कुल जोखिम भारित आस्तियां विनियामकीय न्यूनतम एएनडब्ल्यू/आरडब्ल्यूए से नीचे - 600 बीपीएस तक [वर्तमान में, एएनडब्ल्यू/आरडब्ल्यूए <30% लेकिन ≥24%] विनियामकीय न्यूनतम एएनडब्ल्यू/आरडब्ल्यूए से नीचे - 600 बीपीएस से अधिक लेकिन 1200 बीपीएस तक [वर्तमान में, एएनडब्ल्यू/आरडब्ल्यूए <24% लेकिन ≥18%] विनियामकीय न्यूनतम एएनडब्ल्यू/आरडब्ल्यूए से नीचे - 1200 बीपीएस से अधिक [वर्तमान में, एएनडब्ल्यू/आरडब्ल्यूए <18%]
लीवरेज अनुपात ≥2.5 गुना लेकिन <3 गुना ≥ 3 गुना लेकिन <3.5 गुना ≥3.5 गुना
एनएनपीए अनुपात (एनपीआई सहित) >6% लेकिन ≤ 9% >9% लेकिन ≤12% >12%

छ. पीसीए से बाहर निकलना और पीसीए के तहत प्रतिबंधों को वापस लेना - एक बार जब किसी एनबीएफसी को पीसीए के तहत रखा जाता है, तो एनबीएफसी को पीसीए ढांचे से बाहर करना और/या पीसीए ढांचे के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को वापस लेने पर विचार किया जाएगा: ए) यदि चार निरंतर तिमाही वित्तीय विवरणों, जिनमें से एक वार्षिक लेखा परीक्षित वित्तीय विवरण (आरबीआई द्वारा मूल्यांकन के अधीन) होना चाहिए, के अनुसार जोखिम सीमाओं के किसी भी मानदंड में कोई उल्लंघन नहीं पाया जाता है; और बी) एनबीएफसी की लाभप्रदता की स्थिरता पर मूल्यांकन सहित आरबीआई की पर्यवेक्षी सहुलियत के आधार पर।

ज. सुधारात्मक कार्रवाइयों का मेनू नीचे दिया गया है:

अनिवार्य एवं विवेकाधीन कार्रवाइयां
विवरण अनिवार्य कार्रवाइयां विवेकाधीन कार्रवाइयां
जोखिम सीमा-1
  • लाभांश वितरण/लाभ के प्रेषण पर प्रतिबंध;

  • प्रमोटरों/शेयरधारकों द्वारा इक्विटी बढ़ाना और लीवरेज में कमी करना;

  • समूह कंपनियों की ओर से गारंटी जारी करने या अन्य आकस्मिक देनदारियों को लेने पर प्रतिबंध (केवल सीआईसी के लिए)

सामान्य सूची
  • विशेष पर्यवेक्षी कार्रवाइयां

  • रणनीति से संबंधित

  • शासन से संबंधित

  • पूंजी से संबंधित

  • क्रेडिट जोखिम से संबंधित

  • बाजार जोखिम से संबंधित

  • एचआर से संबंधित

  • लाभप्रदता से संबंधित

  • संचालन/व्यवसाय से संबंधित

  • अन्य कोई।

जोखिम सीमा-2 सीमा 1 की अनिवार्य कार्रवाइयों के अलावा,
  • शाखा विस्तार पर प्रतिबंध
जोखिम सीमा-3 सीमा 1 और 2 की अनिवार्य कार्रवाइयों के अलावा,
  • बोर्ड द्वारा अनुमोदित सीमाओं के भीतर तकनीकी उन्नयन के अलावा पूंजीगत व्यय पर उचित प्रतिबंध

  • परिवर्तनीय परिचालन लागत में प्रतिबंध/कमी

विवेकाधीन सुधारात्मक कार्रवाइयों के चयन के लिए सामान्य सूची

1. विशेष पर्यवेक्षी कार्रवाइयां

  • त्रैमासिक या अन्य निर्धारित आवृत्ति में विशेष पर्यवेक्षी निगरानी बैठकें (एसएसएमएम)

  • एनबीएफसी का विशेष निरीक्षण/लक्ष्य के साथ संवीक्षा

  • मौजूदा पर्यवेक्षी तंत्र द्वारा और/या बाहरी लेखा परीक्षकों के माध्यम से एनबीएफसी/समूह संस्थाओं की विशेष लेखा परीक्षा/निरीक्षण करना

  • रिज़र्व बैंक द्वारा दिया जाने वाला नियंत्रित और जरूरी विनियामकीय/पर्यवेक्षी अनुमोदन

  • विलय/पुनर्रचना/विभाजन द्वारा एनबीएफसी का समाधान (RBI अधिनियम, 1934 की धारा 45MBA)

  • IBC के तहत दिवाला आवेदन दाखिल करें (दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 (2016 का 31) की धारा 239 के तहत अधिसूचित दिनांक 15 नवंबर 2019 के नियमों के अनुसार)

  • सीओआर रद्द करने और एनबीएफसी के समापन के लिए कारण बताओ नोटिस

2. रणनीतिक कार्रवाइयां

  • वसूली योजना आरंभ करें जिसे पर्यवेक्षक द्वारा विधिवत अनुमोदित किया गया है

  • व्यापार मॉडल की स्थिरता, व्यापार लाइनों और गतिविधियों की लाभप्रदता, मध्यम और दीर्घकालिक प्रयोजनीयता, आदि के संदर्भ में व्यापार मॉडल की विस्तृत समीक्षा करना।

  • तात्कालिक चिंताओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए अल्पकालिक रणनीति की समीक्षा करें

  • मध्यम अवधि की व्यावसायिक योजनाओं की समीक्षा करें, प्राप्त करने योग्य लक्ष्यों की पहचान करें और प्रगति और उपलब्धि के लिए ठोस लक्ष्य निर्धारित करें

  • उपयुक्त रूप में व्यवसाय प्रक्रिया पुनर्रचना करना शुरू करें

  • परिचालन की पुनर्रचना के लिए उपयुक्त कार्य करना

3. शासकीय कार्रवाइयां

  • भारतीय रिज़र्व बैंक एनबीएफसी के बोर्ड के साथ विभिन्न पहलुओं पर सक्रिय रूप से, जैसा उचित समझा जाए, जुड़ सकता है

  • आरबीआई प्रमोटरों/शेयरधारकों को नया प्रबंधन/बोर्ड लाने की सिफारिश कर सकता है

  • आरबीआई, जैसा लागू हो, आरबीआई अधिनियम के तहत प्रबंधकीय व्यक्तियों को हटा सकता है

  • निदेशक को हटाना और/या उनके स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को निदेशक के रूप में नियुक्त करना

  • आरबीआई, आरबीआई अधिनियम के तहत बोर्ड का अधिक्रमण कर सकता है और एक प्रशासक नियुक्त कर सकता है

  • आरबीआई, एनबीएफसी से, विनियामक दिशानिर्देशों में उपलब्ध क्लॉ बैक और मालस क्लॉज, अन्य कार्रवाइयों को लागू करने और अन्य प्रतिबंध या शर्तों को लागू करने की आवश्यकता कर सकता है

  • निदेशकों या प्रबंधन के पारिश्रमिक पर, जैसा लागू हो, प्रतिबंध लगाना।

4. पूंजी संबंधी कार्रवाइयां

  • पूंजी नियोजन की बोर्ड स्तरीय विस्तृत समीक्षा

  • अतिरिक्त पूंजी जुटाने के लिए योजनाओं और प्रस्तावों को प्रस्तुत करना

  • एनबीएफसी को प्रतिधारित लाभ के माध्यम से आरक्षित पूँजी निधि बढ़ाने की आवश्यकता

  • अनुषंगियों/ सहयोगियों में निवेश पर प्रतिबंध

  • पूंजी संरक्षण के लिए उच्च जोखिम भारित आस्तियों के विस्तार पर प्रतिबंध

  • पूंजी संरक्षण के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में जोखिम (एक्सपोजर) कम करना

  • अनुषंगियों और समूह की अन्य कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाने पर प्रतिबंध

5. क्रेडिट जोखिम संबंधी कार्रवाइयां

  • एनपीए स्टॉक में कमी के लिए प्रतिबद्धता और समयबद्ध योजना तैयार करना

  • नए एनपीए के सृजन को रोकने के लिए योजना की तैयारी और प्रतिबद्धता

  • ऋण समीक्षा तंत्र को सुदृढ़ बनाना

  • कुल ऋण जोखिम भार घनत्व पर प्रतिबंध/ कमी (उदाहरण: कुछ रेटिंग ग्रेड से नीचे के उधारकर्ताओं के लिए ऋण पर प्रतिबंध/ कमी, असुरक्षित एक्सपोजर पर प्रतिबंध/ कमी आदि)

  • पहचाने गए क्षेत्रों, उद्योगों या उधारकर्ताओं में ऋण घनत्व में कमी

  • संपत्ति की बिक्री

  • क्षेत्रों की पहचान (क्षेत्र-वार, उद्योग खंड-वार, उधारकर्ता-वार, आदि) के माध्यम से आस्ति की वसूली के लिए कार्य योजना और विशेष वसूली कार्य बल की स्थापना आदि।

  • सरकारी प्रतिभूतियों/ अन्य उच्च गुणवत्ता वाले तरल निवेशों में निवेश को छोड़कर ऋण/निवेश पोर्टफोलियो के विस्तार पर प्रतिबंध

  • एनपीए/ एनपीआई के लिए उच्च प्रावधानीकरण

6. बाजार जोखिम संबंधी कार्रवाइयां

  • ऋण बाजार से उधार लेने पर प्रतिबंध/कमी

  • एएलएम विसंगति की सीमा पर प्रतिबंध

  • जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए, जमाराशि देयताओं को पूरा करने के लिए जमाराशियों को स्वीकार /नवीकृत करने और नकद आमद के निलंब पर प्रतिबंध

  • निवेश गतिविधियों पर प्रतिबंध

7. एचआर से संबंधित कार्रवाइयां

  • स्टाफ विस्तार/स्टाफ पारिश्रमिक पर प्रतिबंध

  • मौजूदा कर्मचारियों की विशेष प्रशिक्षण आवश्यकताओं की समीक्षा

8. लाभप्रदता संबंधी कार्रवाइयां

  • बोर्ड द्वारा अनुमोदित सीमाओं के भीतर तकनीकी उन्नयन को छोडकर अन्य पूंजीगत व्यय पर प्रतिबंध

  • परिवर्तनीय परिचालन लागत में प्रतिबंध/कमी

9. परिचालन संबंधी कार्रवाईयां

  • शाखा विस्तार योजनाओं पर प्रतिबंध; घरेलू या विदेशी

  • अनुषंगियों/ अन्य संस्थाओं में कारोबार में कमी लाना

  • व्यापार की नई लाइनों में प्रवेश करने पर प्रतिबंध

  • लीवरेज में कमी

  • जोखिमपूर्ण आस्तियों में कमी

  • व्यवसाय करने पर प्रतिबंध, जैसा निर्दिष्ट किया जाए

  • आउटसोर्सिंग गतिविधियों पर प्रतिबंध / कमी

  • नए उधार पर प्रतिबंध

10. एनबीएफसी की विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोई अन्य विशेष कार्रवाई जिसे आरबीआई उचित समझे।


1 संदर्भ: स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर): एनबीएफसी के लिए एक संशोधित विनियामक ढांचा पर दिनांक 22 अक्टूबर 2021 का आरबीआई परिपत्र डीओआर.सीआरई.आरईसी.सं.60/03.10.001/2021-22

2 "पब्लिक फंड" में जनता की जमाराशि, वाणिज्यिक पत्र, डिबेंचर, अंतर-कॉर्पोरेट जमाराशि और बैंक वित्त के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुटाई गई धनराशि शामिल होगी, लेकिन उन लिखतों द्वारा जुटाई गई धनराशि शामिल नहीं होगी जो उनके जारी होने के 5 वर्षों के भीतर अनिवार्य रूप से इक्विटी शेयरों में परिवर्तनीय हो।

3 संदर्भ: स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर): एनबीएफसी के लिए एक संशोधित विनियामक ढांचा पर दिनांक 22 अक्टूबर 2021 का आरबीआई परिपत्र डीओआर.सीआरई.आरईसी.सं.60/03.10.001/2021-22

4 "पब्लिक फंड" में जनता की जमाराशि, वाणिज्यिक पत्र, डिबेंचर, अंतर-कॉर्पोरेट जमाराशि और बैंक वित्त के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुटाई गई धनराशि शामिल होगी, लेकिन उन लिखतों द्वारा जुटाई गई धनराशि शामिल नहीं होगी जो उनके जारी होने के 5 वर्षों के भीतर अनिवार्य रूप से इक्विटी शेयरों में परिवर्तनीय हो।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?