प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा मानक आस्तियों के लिए प्रावधान - चार-स्तरीय विनियामकीय ढांचे के तहत संशोधित मानदंड - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा मानक आस्तियों के लिए प्रावधान - चार-स्तरीय विनियामकीय ढांचे के तहत संशोधित मानदंड
भारिबै/2023-24/18 24 अप्रैल 2023 सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, महोदया/महोदय, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा मानक आस्तियों के लिए प्रावधान - चार-स्तरीय विनियामकीय ढांचे के तहत संशोधित मानदंड कृपया दिनांक 01 दिसंबर 2022 का परिपत्र विवि.आरईजी.सं.84/07.01.000/2022-23 देखें, जिसके अनुसार शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को चार स्तरों अर्थात् टियर 1, टियर 2, टियर 3 और टियर 4 में विनियामक उद्देश्यों के लिए वर्गीकृत किया गया है। 2. 01 अप्रैल 2022 के मास्टर परिपत्र डीओआर.एसटीआर.आरईसी.5/21.04.048/2022-23 में समेकित शहरी सहकारी बैंकों के लिए मौजूदा मानक आस्ति प्रावधान मानदंड, यूसीबी के टियर I और टियर II में पहले के वर्गीकरण पर आधारित हैं, जिसे 06 मई 2009 के परिपत्र यूबीडी.केका.एलएस.परि.सं.66/07.01.000/2008-09 के पैरा 4 में निम्नानुसार परिभाषित किया गया है:
3. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि संशोधित ढांचे में सभी श्रेणियों के शहरी सहकारी बैंकों पर लागू मानक आस्तियों के लिए प्रावधानीकरण मानदंडों को सुसंगत बनाया जाए, चाहे उनका टियर कुछ भी हो। 4. तदनुसार, संशोधित ढांचे के तहत टियर I, टियर 2, टियर 3 और टियर 4 यूसीबी पर लागू होने वाले मानक आस्ति प्रावधान मानदंड निम्नानुसार होंगे: क. कृषि और एसएमई क्षेत्रों के लिए प्रत्यक्ष अग्रिम, जो मानक हैं, पोर्टफोलियो के आधार पर बकाया निधि के 0.25 प्रतिशत की एक समान प्रावधान आवश्यकता को पूरा करेंगे। ख. वाणिज्यिक रियल एस्टेट (सीआरई) क्षेत्र के लिए अग्रिम जो मानक हैं, पोर्टफोलियो के आधार पर बकाया निधि के 1.00 प्रतिशत की एक समान प्रावधान आवश्यकता को पूरा करेंगे। ग. वाणिज्यिक अचल संपत्ति - आवासीय आवास (सीआरई-आरएच) क्षेत्र के अग्रिम के लिए, जो मानक हैं, प्रावधान की आवश्यकता 0.75 प्रतिशत होगी। घ. अन्य सभी अग्रिमों के लिए, बैंक पोर्टफोलियो के आधार पर बकाया निधि के न्यूनतम 0.40 प्रतिशत का एक समान सामान्य मानक आस्ति प्रावधान बनाए रखेंगे। 5. पूर्ववर्ती टियर I यूसीबी, जो वर्तमान में ‘अन्य सभी ऋण और अग्रिम जो ऊपर शामिल नहीं हैं’ पर 0.25% का मानक आस्ति प्रावधान बनाए हुए हैं, जैसा कि ऊपर पैरा 2 में तालिका में निर्दिष्ट है, को इस तरह के अग्रिमों के 0.40% की प्रावधानीकरण आवश्यकता को 31 मार्च, 2025 तक चरणबद्ध तरीके से प्राप्त करने की अनुमति है। इस प्रकार, 31 मार्च, 2023 तक बकाया ऐसे सभी मानक ऋणों और अग्रिमों पर प्रावधान 31 मार्च, 2024 तक 0.30%, 30 सितंबर, 2024 तक 0.35% और 31 मार्च 2025 तक 0.40% बढ़ा दिया जाएगा। 6. ये दिशानिर्देश इस परिपत्र की तारीख से प्रभावी होंगे। उक्त मास्टर परिपत्र में निर्धारित अन्य सभी निर्देश अपरिवर्तित रहेंगे। भवदीय, (मनोरंजन मिश्र) |