विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – आरईआईटीएस और आईएनवीआईटीएस की यूनिटों में बैंकों द्वारा निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – आरईआईटीएस और आईएनवीआईटीएस की यूनिटों में बैंकों द्वारा निवेश
भा.रि.बैं./2016-17/280 18 अप्रैल, 2017 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय/ महोदया, विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – आरईआईटीएस और आईएनवीआईटीएस की यूनिटों में बैंकों द्वारा निवेश कृपया भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 6 अप्रैल, 2017 को जारी विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों से संबंधित वक्तव्य के पैरा 12 (उद्धरण संलग्न) का संदर्भ लें। उक्त में इंगित किए गए अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को स्थावर संपदा निवेश न्यासों (आरईआईटीएस) एवं आधारभूत संरचना निवेश न्यासों (आईएनवीआईटीएस) में सहभागिता की अनुमति दी जाए। यह सहभागिता शेयरों, संपरिवर्तनीय बॉन्ड/ डिबेंचर, इक्विटी-संबद्ध म्यूचुअल फंड की यूनिटों और जोखिम पूंजी निधियों (वीसीएफ) (पंजीकृत और गैर-पंजीकृत) के प्रति एक्सपोजर में प्रत्यक्ष निवेश के लिए अनुमत उनकी एनओएफ के 20 प्रतिशत की समग्र अधिकतम सीमा के भीतर हो, बशर्ते कि निम्नलिखित शर्तों का पालन किया जाए :
भवदीय, (आर.के. मूलचंदानी) अनुलग्नक : यथोक्त भारतीय रिज़र्व बैंक की विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों से संबंधित वक्तव्य का उद्धरण (पैराग्राफ 12) – 6 अप्रैल, 2017 को जारी स्थावर संपदा निवेश न्यास (आरईआईटीएस) एवं आधारभूत संरचना निवेश न्यास (आईएनवीआईटीएस): बैंकों की सहभागिता - भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आरईआईटीएस एवं इन्विट (आईएनवीआईटी) के लिए विनियम निर्धारित किए हैं और रिज़र्व बैंक से अनुरोध किया है कि वे बैंकों को इन योजनाओं में भाग लेने की अनुमति प्रदान करें। वर्तमान में, बैंकों को इक्विटी-संबद्ध म्यूचुअल फंड, जोखिम पूंजी निधि (वीसीएफ) एवं इक्विटी में उनके एनओएफ के 20 प्रतिशत तक निवेश करने की अनुमति प्राप्त है। यह प्रस्ताव किया गया है कि बैंकों को इस अधिकतम सीमा में रहते हुए आरईआईटीएस एवं आईएनवीआईटीएस में निवेश करने की अनुमति प्रदान की जाए। विस्तृत दिशानिर्देश मई 2017 के अंत तक जारी कर दिए जाएंगे। |