पूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – पूंजी पर्याप्तता का नया ढांचा (एनसीएएफ) –समानांतर प्रयोग तथा विवेकपूर्ण न्यूनतम सीमा - आरबीआई - Reserve Bank of India
पूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – पूंजी पर्याप्तता का नया ढांचा (एनसीएएफ) –समानांतर प्रयोग तथा विवेकपूर्ण न्यूनतम सीमा
आरबीआई/2012-13/508 27 मई 2013 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/ महोदय पूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – पूंजी पर्याप्तता का नया ढांचा (एनसीएएफ) –समानांतर प्रयोग तथा विवेकपूर्ण न्यूनतम सीमा कृपया उपर्युक्त विषय पर 31 दिसंबर 2010 का हमारा परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी.बीसी.71/21.06.001/2010-11 देखें, जिसके अंतर्गत बैंकों को सूचित किया गया था कि वे समानांतर प्रयोग को तीन वर्ष की अवधि तक अर्थात 31 मार्च 2013 तक जारी रखें जिसकी बाद में समीक्षा हो सकती है। बैंकों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए सूचित किया गया था कि उनकी बासल II न्यूनतम पूंजी अपेक्षा ऋण और बाजार जोखिम से संबंधित बासल I ढांचे के अंतर्गत अपेक्षित न्यूनतम पूंजी अपेक्षा के 80% की विवेकपूर्ण सीमा से अधिक बनी रहेगी। 2. मामले की समीक्षा की गयी तथा बासल I की तुलना में बासल II के कार्यान्वयन के लिए समानांतर प्रयोग और विवेकपूर्ण न्यूनतम सीमा को एतदद्वारा समाप्त किया जाता है। 3. उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए, पूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश – पूंजी पर्याप्तता का नया ढांचा (एनसीएएफ) – समानांतर प्रयोग तथा विवेकपूर्ण न्यूनतम सीमा पर 2 जुलाई 2012 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपि.बीसी. 16/ 21.06.001/ 2012-13 के अनुबंध 1 के साथ पठित पैरा 2.4 में निर्धारित रिपोर्टिंग फॉर्मेट में बैंकों द्वारा समानांतर प्रयोग रिपोर्ट की प्रति भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। भवदीय (चंदन सिन्हा ) |