गैर-एसएलआर कर्ज़ प्रतिभूतियों में निवेश पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर-एसएलआर कर्ज़ प्रतिभूतियों में निवेश पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश
आरबीआई/2004/69 23 फरवरी 2004 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक प्रिय महोदय, गैर-एसएलआर कर्ज़ प्रतिभूतियों में निवेश पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश कृपया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अधिशेष गैर-एसएलआर निधियों के निवेश के तरीकों के बारे में 13 दिसंबर 1996 को जारी हमारे परिपत्र आरपीसीडी.सं.आरआरबी.बीसी.76/03.05.34/1996-97 का संदर्भ लें, जिसके अनुसार आरआरबी को समय-समय पर निर्धारित नियमों और शर्तों के अधीन अपनी गैर-एसएलआर अधिशेष निधियों को कुछ निश्चित तरीकों से निवेश करने की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2002-03 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति पर जारी वक्तव्य के पैराग्राफ 133 के अनुसार, बैंकों को अपने गैर-एसएलआर निवेश पोर्टफोलियो से उत्पन्न होने वाले जोखिम को नियंत्रित करने के लिए और अधिक विवेक का अनुपालन करने की सलाह दी गई थी। 2. सेबी ने दिनांक 30 सितंबर 2003 के अपने परिपत्र सेबी/एमआरडी/एसई/एटी/36/2003/30/9 के माध्यम से निजी प्लेसमेंट के आधार पर ऋण प्रतिभूतियां जारी करने वाली तथा स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा अनुपालन किए जाने वाले दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 3. बैंकों के गैर-एसएलआर निवेश पोर्टफोलियो, विशेष रूप से निजी प्लेसमेंट के माध्यम से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को नियंत्रित करने के लिए, गैर-एसएलआर ऋण प्रतिभूतियों में बैंकों के निवेश पर इस परिपत्र के साथ संलग्न अनुबंध में दिए गए दिशा-निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है। ये दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे तथा इनका 31 मार्च 2004 तक पूर्ण अनुपालन किया जाना अपेक्षित है। 4. आपको यह सूचित किया जाता है कि कृपया इस परिपत्र की विषय-वस्तु को इसके अनुबंधों सहित अपने बैंक के बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करें। 5. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्राप्ति सूचना भेजें। भवदीय (सी.एस. मूर्ति) अनुबंध: उपर्युक्त के अनुसार |