बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड – एमटीएम हानि का विभाजन (स्प्रेडिंग) और निवेश अस्थिरता रिज़र्व (आईएफ़आर) का सृजन - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड – एमटीएम हानि का विभाजन (स्प्रेडिंग) और निवेश अस्थिरता रिज़र्व (आईएफ़आर) का सृजन
भारिबैं/2017-18/147 2 अप्रैल 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया/ महोदय, बैंकों के निवेश संविभाग के वर्गीकरण, मूल्यांकन और परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड – एमटीएम हानि का विभाजन (स्प्रेडिंग) और निवेश अस्थिरता रिज़र्व (आईएफ़आर) का सृजन कृपया उक्त विषय पर दिनांक 01 जुलाई 2015 का मास्टर परिपत्र डीबीआर.सं.बीपी.बीसी.6/21.04.141/2015-16 देखें। बैंकों से यह अपेक्षित है कि वे बिक्री के लिए उपलब्ध (एएफ़एस) श्रेणी में तिमाही/ इससे लघु अंतराल में और ट्रेडिंग के लिए धारित (एचएफ़टी) श्रेणी में मासिक/ लघु अंतराल में अलग अलग स्क्रिपों का बाज़ार दर पर मूल्यन (एमटीएम) करें और यदि है तो निवल ह्रास हेतु प्रावधान करें। 2. सरकारी प्रतिभूतियों पर यील्ड में तेज़ वृद्धि के प्रणालीगत प्रभाव के मुद्दे को सुलझाने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि 31 दिसंबर 2017 तथा 31 मार्च 2018 को समाप्त तिमाहियों के लिए एएफ़एस और एचएफ़टी में धारित निवेश पर एमटीएम हानि के लिए प्रावधान को स्प्रेड करने का विकल्प बैंकों को दिया जाए। जिस तिमाही में हानि हुई है उस तिमाही से आरंभ करते हुए चार तिमाहियों तक विभिन्न तिमाहियों के लिए प्रावधान राशि समान रूप से विभाजित किया जा सकता है। 2.1 उक्त विकल्प का उपयोग करने वाले बैंक अपने लेखे पर टिप्पणियां/ तिमाही परिणाम में निम्न विवरण देते हुए उचित प्रकटीकरण करेंगे। (ए) दिसंबर 2017 तथा मार्च 2018 को समाप्त तिमाही के लिए निवेश पोर्टफोलियो में मूल्यह्रास हेतु संदर्भित तिमाही/ वर्ष के दौरान किए गए प्रावधान और (बी) शेष तिमाहियों में बनाए रखने के लिए अपेक्षित बैलेंस। 3. इसके अतिरिक्त, भविष्य में यील्ड की बढ़ौती के निमित्त आनेवाली स्थिति से बचने के लिए पर्याप्त रिज़र्व बनाने के उद्देश्य से सभी बैंकों को वर्ष 2018-19 से लागू करके, निवेश अस्थिरता रिज़र्व (आईएफ़आर) सृजित करने के लिए निम्न प्रकार से सूचित किया जाता है। 3.1 एक ऐसी राशि जो निम्न से कम नहीं हो। (ए) वर्ष के दौरान निवेश की बिक्री पर निवल लाभ (बी) अनिवार्य विनियोग को कम करते हुए वर्ष के लिए निवल लाभ, को आईएफ़आर में तब तक सतत आधार पर अंतरित किया जाए जब तक राशि एचएफ़टी और एएफ़एस पोर्टफोलियो के कम से कम 2 प्रतिशत पहुंच न जाए। जहां व्यवहार्य है, इसे 3 वर्ष की अवधि के अंतर्गत प्राप्त किया जाना चाहिए। 3.2 बैंक स्वविवेक से, आईएफ़आर में एचएफ़टी तथा एएफ़एस निवेश पोर्टफोलियो के 2 प्रतिशत से अधिक राशि को लाभ हानि शेष में क्रेडिट करने के लिए आहारित कर सकते हैं, जो किसी लेखा वर्ष में लाभ हानी लेखा में यथाप्रकटित हो। आईएफ़आर का शेष एचएफ़टी तथा एएफ़एस निवेश पोर्टफोलियो के 2 प्रतिशत से अधिक होने की स्थिति में, निम्न शर्तों के अधीन आहरण द्वारा कमी करने की अनुमति होगी। (ए) यदि आहरण द्वारा कम की गई राशि का उपयोग केवल मुक्त रिज़र्व के विनियोजन के माध्यम से या हानि के शेष को कम करते हुए न्यूनतम सीईटी 1/ टियर 1 पूंजीगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया है। और (बी) आहरण द्वारा कम की गई राशि संदर्भित वर्ष के दौरान किए गए एमटीएम प्रावधान सीमा से अधिक नहीं हो, वर्ष के दौरान किए गए निवेश की बिक्री पर निवल लाभ से भी अधिक न हो। 3.3 आईएफ़आर टियर 2 पूंजी में शामिल करने के लिए पात्र होंगे। भवदीय, (सौरभ सिन्हा) |