बैंकों के तुलन पत्र में शामिल न होनेवाले एक्सपोज़र के संबंध में विवेकपूर्ण मानदंड – डेरिवेटिव संविदाओं की पुनर्रचना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों के तुलन पत्र में शामिल न होनेवाले एक्सपोज़र के संबंध में विवेकपूर्ण मानदंड – डेरिवेटिव संविदाओं की पुनर्रचना
भारिबैं/2021-22/81 06 अगस्त 2021 सभी बैंक महोदया/ महोदय, बैंकों के तुलन पत्र में शामिल न होनेवाले एक्सपोज़र के संबंध में विवेकपूर्ण मानदंड – डेरिवेटिव संविदाओं की पुनर्रचना कृपया हमारे परिपत्र बैंपविवि.सं.बीपी.बीसी.57/21.04.157/2008-09 दिनांक 13 अक्तूबर 2008 का अनुच्छेद 2.2 देखें, जिसके अनुसार मूल डेरिवेटिव संविदा के किसी भी पैमाने में कोई भी परिवर्तन पुनर्रचना माना जाएगा। 2. इस संदर्भ में, यह स्पष्ट किया जाता है कि डेरिवेटिव संविदा के शर्तों में परिवर्तन जो लाइबोर से एक वैकल्पिक संदर्भ दर में अंतरण के कारण अनिवार्य हुआ हो उसे डेरिवेटिव संविदा की पुनर्रचना नहीं माना जाएगा, बशर्ते मूल संविदा के अन्य सभी पैमाने अपरिवर्तित रहें। भवदीया, (उषा जानकीरामन) |