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इफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को अग्रिमों से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड

आरबीआइ/2009-10/421
बैंपविवि.सं.बीपी. बीसी. 96/08.12.014/2009-10

23 अप्रैल 2010
3 वैशाख 1932 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

इफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को अग्रिमों से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड

कृपया वर्ष 2010-11 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य के पैरा 96 तथा 97 (उद्धरण संलग्न) देखें जिनमें यह प्रस्तावित किया गया है कि (i) वार्षिकी तथा महसूल संग्रह अधिकारों को मूर्त प्रतिभूतियों के रूप में माना जाए तथा (ii) अवमानक के रूप में वर्गीकृत बेजमानती इफ्रास्ट्रक्चर ऋण खातों के लिए अपेक्षित प्रावधानीकरण को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाए ।

2. ‘बेजमानती अग्रिमों पर विवेकपूर्ण मानदंड’ पर 17 अप्रैल 2009 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 125/21.04.048/2008-09 के पैराग्राफ 2(क) के अनुसार परियोजनाओं (इफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं सहित) के संबंध में बैंकों को संपाश्दिवक के रूप में दिये गये अधिकारों, लाइसेंसों, प्राधिकारों आदि की गणना मूर्त प्रतिभूति के रूप में नहीं की जानी चाहिए । उपर्युक्त में आंशिक संशोधन करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि बैंक सड़क/राजमार्ग परियोजनाओं के संबंध में निर्माण-परिचालन-स्थानांतरण (बीओटी) मॉडल के अंतर्गत वार्षिकी को और जहां यातायात का एक सुनिश्चित स्तर हासिल न कर पाने की स्थिति में परियोजना प्रायोजक को क्षतिपूर्ति करने के प्रावधान हों उन मामलों में महसूल संग्रह अधिकारों को मूर्त प्रतिभूति मान सकते हैं बशर्ते वार्षिकी प्राप्त करने तथा महसूल संग्रह करने के संबंध में बैंकों के अधिकार विधिक रूप से लागू करने योग्य और अप्रतिसंहरणीय हों ।

3. ‘बेजमानती एक्सपोजरों पर विवेकपूर्ण मानदंड’ पर 17 जून 2004 के हमारे परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी. 97/21.04.141/2003-04 के पैराग्राफ 6 के अनुसार यह निर्धारित किया गया है कि अवमानक के रूप में पहचाने गए बेजमानती एक्सपोजरों के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त प्रावधान अर्थात् बकाया शेष पर कुल 20 प्रतिशत प्रावधान किया जाना चाहिए । इफ्रास्ट्रक्चर उधार के संबंध में उपलब्ध एक्रो खातों जैसे कतिपय सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि अवमानक के रूप में वर्गीकृत इफ्रास्ट्रक्चर ऋण खातों पर 20 प्रतिशत के मौजूदा निर्धारण के बजाय 15 प्रतिशत प्रावधानीकरण किया जाए । निम्न प्रावधानीकरण का उक्त फायदा उठाने के लिए बैंकों के पास नकदी प्रवाह को एक्रो खाते में डालने की समुचित प्रणाली मौजूद होनी चाहिए और इन नकदी प्रवाहों पर उनका स्पष्ट और विधिक रूप से पहला दावा होना चाहिए ।

भवदीय

(बी.महापात्र)
मुख्य महाप्रबंधक

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