अस्थायी प्रावधानों के सृजन तथा उपयोग पर विवेकपूर्ण मानदंड - आरबीआई - Reserve Bank of India
अस्थायी प्रावधानों के सृजन तथा उपयोग पर विवेकपूर्ण मानदंड
आरबीआइ/2009-2010/282 5 जनवरी 2010 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय अस्थायी प्रावधानों के सृजन तथा उपयोग पर विवेकपूर्ण मानदंड हमारे ध्यान में यह बात आई है कि कुछ अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं अस्थायी प्रावधानों का उपयोग उन्हें आय खाते में लाभ निकालने के पहले (अबॅव द लाइन ) प्रतिलेखित कर विवेकपूर्ण दिशानिर्देशों को पूरा करने के उद्देश्य से विनिर्दिष्ट प्रावधान करने में करती हैं । 2. जैसा कि आप जानते हैं बैंकों को यह अनुमति दी गयी है कि वे बोर्ड का अनुमोदन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति प्राप्त करने के बाद केवल असाधारण परिस्थितियों में आकस्मिक देयताओं के लिए अनर्जक खातों में विनिर्दिष्ट प्रावधान करने के लिए अस्थायी प्रावधानों का उपयोग कर सकते हैं । अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं को भी इसी प्रकार का दिशानिर्देश जारी करना आवश्यक समझा जा रहा है । 3. अत: यह सूचित किया जाता है कि सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं को भी बैंकों को जारी किए गए ‘अस्थायी प्रावधानों के सृजन तथा उपयोग पर विवेकपूर्ण मानदंड’ संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए । तदनुसार, हम सूचित करते हैं कि 22 जून 2006 के हमारे परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी. 89/21.04.048/2005-06 तथा 13 मार्च 2007 के परिपत्र सं. बैंपविवि. बीपी. बीसी. 68/21.04.048/2006-07 (प्रतिलिपि संलग्न) द्वारा बैंकों को जारी किए गए दिशानिर्देश आवश्यक परिवर्तनों सहित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं पर लागू होंगे । 4. इस संबंध में, अग्रिमों के लिए प्रावधानीकरण सुरक्षा (कवरेज)पर 8 दिसंबर 2009 के हमारे परिपत्र सं. बैंपविवि. एफआइडी. एफआइसी. 6/01.02.00 की ओर भी आपका ध्यान आकर्षित किया जाता है । कृपया प्राप्ति-सूचना दें । भवदीय (विनय बैजल) अनुलग्नक : यथोक्त |