ऋण संविभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रावधानों का विवेकपूर्ण उपचार - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण संविभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रावधानों का विवेकपूर्ण उपचार
भारिबैं./2008-09/514 29 जून 2009 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय /महोदया ऋण संविभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रावधानों का विवेकपूर्ण उपचार ऋण संविभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रावधानों के विवेकपूर्ण उपचार के संदर्भ में निम्नलिखित दिशानिर्देश बनाने का निर्णय लिया गया है । यह स्पष्ट किया जाता है कि संबंधित प्रावधानों की गणना केवल उनके सामने दर्शाए गए उद्देश्य के लिए ही की जाएगी । (i) निर्धारित दर से अधिक दर पर अनर्जक आस्तियों के लिए अतिरिक्त प्रावधान विनियामक मानदंड प्रावधानों के लिए न्यूनतम अपेक्षाओं को दर्शाते हैं । इसलिए, बैंक विद्यमान विनियामों के अंतर्गत निर्धारित दर से उच्च दर पर स्वेच्छा से एनपीए के लिए विशेष प्रावधान करें यदि ऐसी उच्च दरें, वसूली राशि की अनुमानित वास्तविक हानि का प्रावधान करने के लिए निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीति पर आधारित हों तथा नीति कई साल से निरंतर अपनायी जा रही हो या संबंधित राज्य सहकारी समितियां अधिनियम, बहुराज्यीय सहकारी समितियां अधिनियम 2002 में इसका प्रावधान हो । एनपीए के लिए अतिरिक्त विशेष प्रावधान जैसे एनपीए के लिए न्यूनतम विनियामक प्रावधान का सकल एनपीए के साथ समंजन कर निवल एनपीए की राशि परिकलित करें । एनपीए के लिए अतिरिक्त विशेष प्रावधान टियर II पूंजी में शामिल नहीं किया जाएगा । (ii) एनपीए की बिक्री पर अधिक प्रावधान जोखिम भारित आस्तियों की समग्र सीमा के 1.25% के अधीन एनपीए की बिक्री पर मिलने वाले अधिक प्रावधान टियर II पूंजी में शामिल किए जा सकतें हैं । (iii) उचित मूल्य में ह्रास के लिए प्रावधान मानक आस्ति तथा एनपीए दोनों मामलों में ब्याज दर में कटौती तथा /या मूलधन की राशि के पुनर्निर्धारण के कारण उचित मूल्य में हुए ह्रास के लिए किए गए प्रावधानों को संबंधित आस्ति से समंजित करने की अनुमति दी गई है । उपर्युक्त दिशानिर्देश इस परिपत्र की तारीख से प्रभावी रहेंगे । भवदीय |