लोक भविष्य निधि योजना, 1968 – स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
लोक भविष्य निधि योजना, 1968 – स्पष्टीकरण
आरबीआई/2004-05/480 25 मई 2005 महाप्रबंधक महोदय, लोक भविष्य निधि योजना, 1968 – स्पष्टीकरण कृपया 14 मई 2005 का हमारा परिपत्र सं.डीटी.कें.का.15.02.001/एच-9593-9615/2004-05 का संदर्भ लें, जिसके साथ वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 13 मई 2005 की भारत सरकार की अधिसूचना भेजी गई है, जिसके अनुसार 13 मई 2005 से पीपीएफ योजना-1968 के प्रावधानों में संशोधन किए गए हैं। 2 इस संबंध में, भारत सरकार, वित्त मंत्रालय ने दिनांक 20 मई 2005 के पत्र एफ.सं.2/8/2005NS-II द्वारा अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित स्पष्टीकरण जारी किए हैं: i) केवल व्यक्तियों तक निवेश के दायरे को सीमित करने के लिए विभिन्न छोटी बचत योजनाओं में संशोधन के बाद, कानूनी व्यक्तियों (एचयूएफ, ट्रस्ट, भविष्य निधि, आदि), यानी व्यक्तियों के अलावा अन्य व्यक्ति (एकल या संयुक्त खातों के माध्यम से या अवयस्कों और नियमों के अनुसार असंतुलित मानसिकता वाले व्यक्तियों की ओर से अभिभावकों द्वारा जमा) द्वारा 13 मई 2005 को या उसके बाद किसी भी छोटी बचत योजना सहित सार्वजनिक भविष्य निधि योजना, 1968 के अंतर्गत खोले गए खाते, को आरम्भ से ही अवैध माना जाएगा और ऐसे खातों को बंद करने और जमाकर्ताओं को बिना किसी ब्याज के जमा राशि वापस करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। ii) हालांकि, यह ध्यान दिया जाए कि उपरोक्त संशोधन, 13 मई 2005 के संशोधनों से पहले चल रहे नियमों के अनुसार खोले गए मौजूदा खातों पर लागू नहीं होंगे। यह परिपक्वता तक जारी रहेंगे और इन खातों में/से जमा/आहरण उक्त नियमों के अनुसार किए जाने की अनुमति होगी। हालांकि, मौजूदा खातों का कोई भी विस्तार 13 मई 2005 के संशोधनों के अधीन होगा। 3. उपरोक्त के मद्देनजर, आप पीपीएफ योजना, 1968 को संचालित करने वाली अपनी सभी नामित शाखाओं/कार्यालयों को उचित निर्देश जारी करें और इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। 4. कृपया पावती दें। भवदीय ह./- |