भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा किसी भारतीय कंपनी के शेयरों अथवा परिवर्तनीय डेबेंचरों से भिन्न प्रतिभूतियों की खरीद अथवा बिक्री - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा किसी भारतीय कंपनी के शेयरों अथवा परिवर्तनीय डेबेंचरों से भिन्न प्रतिभूतियों की खरीद अथवा बिक्री
भारिबैंक/2014-15/197 28 अगस्त 2014 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा किसी भारतीय कंपनी के प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं फेमा.20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (मूल विनियमावली) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार पात्र निवेशक अर्थात सेबी के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs), अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशक (QFIs), पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक एवं सेबी के पास पंजीकृत दीर्घावधि निवेशक सरकारी प्रतिभूतियों को, उनमें विनिर्दिष्ट शर्तों और समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक एवं सेबी द्वारा विनिर्दिष्ट सीमाओं के अंतर्गत, उनके निर्गमकर्ता अथवा किसी मान्यता प्राप्त स्टाक ब्रोकर से सीधे खरीद सकते हैं। 2. पात्र निवेशकर्ताओं द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों के अर्जन के तरीके में लचीलापन उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया है कि उक्त विनियमावली में इनके अर्जन के तरीके के संबंध में किए गए विनिर्देशन को हटा दिया जाए। इसके परिणामस्वरूप पात्र निवेशक प्रचलित/अनुमोदित बाजार व्यवहार (practice) के किसी भी तरीके से ऐसी प्रतिभूतियों को अर्जित कर सकते हैं। 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं । 4. रिजर्व बैंक ने 11 जुलाई 2014 के जीएसआर संख्या 487(ई) के जरिये 2 जुलाई 2014 की अधिसूचना संख्या फेमा. 313/2014-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (ग्यारहवाँ संशोधन) विनियमावली, 2014 के द्वारा अब मूल विनियमावली को संशोधित कर दिया है। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीय, (बी.पी.कानूनगो) |