भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा भारत में अचल संपत्ति की खरीद- परिभाषा में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा भारत में अचल संपत्ति की खरीद- परिभाषा में संशोधन
भारिबैंक/2009-2010/286 13 जनवरी 2010 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदयभारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा भारत में अचल संपत्ति की खरीद- परिभाषा में संशोधन समस्त प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का घ्यान , समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 21/2000 - आरबी अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में अचल संपत्ति का अभिग्रहण तथा अंतरण) विनियमावली, 2000 के विनियम 2 के खंड (ग) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार, भारतीय मूल के व्यक्ति (ध पाकिस्तान अथवा बंगलादेश अथवा श्री लंका अथवा अफगानिस्तान अथवा चीन अथवा ईरान अथवा नेपाल अथवा भूटान का नागरिक न हो ) का आशय उस व्यक्ति से है (i) जिसके पास कभी भारतीय पासपोर्ट रहा हो (ii) कोई व्यक्ति अथवा उसके पिता अथवा पितामह में से कोई भारत में जन्मा था , जैसा कि भारत के संविधान अथवा नागरिकता अधिनयम 1955 (1955 का 57) में परिभाषित है । अधिसूचना की प्रतिलिपि संलग्न है। 2. भारत सरकार ने 12 नवंबर 2009 की सा.का.नि.सं. 813(अ) [अधिसूचना सं.फेमा 200/2009-आरबी द्वारा भारत के राजपत्र में ऊपर संदर्भित अधिसूचना के विनियम 2 के खंड (ग) में संशोधन अधिसूचित किया है । तदनुसार, भारतीय मूल के व्यक्ति का आशय उस व्यक्ति से है (पाकिस्तान अथवा बंगलादेश अथवा श्री लंका अथवा अफगानिस्तान अथवा चीन अथवा ईरान अथवा नेपाल अथवा भूटान का नागरिक न हो ) (i) जिसके पास कभी भारतीय पासपोर्ट रहा हो (ii) कोई व्यक्ति अथवा जिसके माता अथवा पिता में से कोई अथवा पितामह या पितामही में से कोई भारत में जन्मा था , जैसा कि भारत के संविधान अथवा नागरिकता अधिनयम 1955 (1955 का 57) में परिभाषित है । अधिसूचना की प्रतिलिपि संलग्न है। 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - 1 बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें । 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये है और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है । भवदीय (सलीम गंगाधरन) |