सेबी [शेयरों के भारी मात्रा में अर्जन और टेकओवर (एसएएसटी)] विनियमावली के अनुसार मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंजो से शेयरों की खरीद - आरबीआई - Reserve Bank of India
सेबी [शेयरों के भारी मात्रा में अर्जन और टेकओवर (एसएएसटी)] विनियमावली के अनुसार मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंजो से शेयरों की खरीद
भारिबैंक/2013-14/232 6 सितंबर 2013 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, सेबी [शेयरों के भारी मात्रा में अर्जन और टेकओवर (एसएएसटी)] विनियमावली प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी के जरिये रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 1 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. वर्तमान में, विदेशी संस्थागत निवेशक, अर्हताप्राप्त विदेशी निवेशक तथा अनिवासी भारतीय फेमा. अधिसूचना सं. 20 की अनुसूची 3, 4, 5 तथा 8 की शर्तों के अनुपालन के अधीन मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंजों से शेयर अर्जित करने के लिए पात्र हैं। किसी अनिवासी को फेमा. अधिसूचना सं. 20 की अनुसूची 1 के तहत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत स्टाक एक्स्चेंजों से शेयर अर्जित करने की अनुमति नहीं है। 3. किसी अनिवासी द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत मान्यताप्राप्त स्टाक एक्स्चेंज से शेयरों के अर्जन के मामले की समीक्षा की गयी है तथा उदारीकरण के और उपाय के रूप में, यह निर्णय लिया गया है कि अनिवासी भारतीय सहित कोई अनिवासी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत, पंजीकृत ब्रोकर के माध्यम से, स्टाक एक्स्चेंज में सूचीबद्ध भारतीय कंपनी के शेयर अर्जित कर सकता है बशर्ते: i. अनिवासी निवेशक ने भारतीय़ प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) [शेयरों के भारी मात्रा में अर्जन और टेकओवर (एसएएसटी)] विनियमावली के अनुसार शेयर पहले ही अर्जित किए हैं तथा नियंत्रण बनाए रखा है; ii. स्टाक एक्स्चेंज से खरीद के परिणामस्वरूप अनिवासी को शेयरों के अंतरण के लिए प्रतिफल की राशि निम्नानुसार प्राप्त की जाए: ए. सामान्य बैंकिंग चैनलों के जरिए आवक विप्रेषण के रूप में, अथवा बी. प्राधिकृत व्यापारी/बैंक के पास रखे गए संबंधित व्यक्ति के एनआरई/एफसीएनआर खाते को नामे करके; सी. विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी बैंक के पास रखे गए ब्याज-रहित एस्क्रो खाते (भारतीय रुपये में) को नामे करके, डी. प्रतिफल राशि का भुगतान उस भारतीय निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी से प्राप्य लाभांश से किया जा सकता है, जिसमें ऐसा अनिवासी उक्त (i) के अनुसार नियंत्रण बनाए हुए है, बशर्ते लाभांश प्राप्ति का अधिकार स्थापित किया गया हो और स्टाक एक्स्चेंज में शेयरों के अर्जन के लिए विशेष रूप से ब्याज-रहित रुपया खाते में लाभांश जमा किया गया हो। iii. अनिवासी शेयरधारक द्वारा शेयरों के अनुवर्ती अंतरण के लिए कीमत का निर्धारण विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम के अंतर्गत जारी कीमत-निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार होगा। iv. मूल और परिणामी निवेश मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति और सेक्टोरेल कैप, प्रवेश मार्ग, रिपोर्टिंग अपेक्षाओं, प्रलेखन, आदि से संबंधित फेमा विनियमावली के अनुरूप हो। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 5. भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब 4 सितंबर 2013 के जी.एस.आर. सं. 591 (ई) के जरिये अधिसूचित 10 जुलाई 2013 की अधिसूचना सं. फेमा. 279/2013-आरबी तथा 5 अगस्त 2013 के जी.एस.आर. सं. 531 (ई) के जरिये अधिसूचित 10 जुलाई 2013 की अधिसूचना सं. फेमा. 280/2013-आरबी के द्वारा संबंधित विनियमों में संशोधन किया है। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |