संविभाग निवेश योजना (पीआइएस) के अंतर्गत भारत के किसी स्टाक एक्स्चेंज पर विदेशी कंपनी निकायों (ओसीबीएस) से शेयरों और/अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों की खरीद /बिक्री - आरबीआई - Reserve Bank of India
संविभाग निवेश योजना (पीआइएस) के अंतर्गत भारत के किसी स्टाक एक्स्चेंज पर विदेशी कंपनी निकायों (ओसीबीएस) से शेयरों और/अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों की खरीद /बिक्री
भारतीय रिज़र्व बैंक एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 13 29 नवम्बर 2001 प्रति विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी प्रिय महोदय, /महोदया संविभाग निवेश योजना (पीआइएस) के अंतर्गत भारत के किसी प्राधिकृत व्यापारियों को विदित हैं कि विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर रहनेवाले किसी निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गमन) विनियमावली 2000 की अनुसूची 3 के अनुसार अनिवासी भारतीय और विदेशी कंपनी निकाय संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत भारत में किसी स्टाक एक्स्चेंज पर प्राधिकृत व्यापारी के किसी नामोद्दिष्ट शाखा के जरिए भारतीय कंपनियों के शेयरों और परिवर्तनीय डिबेंचरों की खरीद/बिक्री करने के लिए पात्र है। 2. अब यह निर्णय लिया गया है कि अब से विदेशी कंपनी निकायो को भारत में संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत निवेश करने की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त जिन विदेशी कंपनी निकायों ने संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत पहले ही निवेश किया है वे ऐसे शेयरों और परिवर्तनी डिबेंचरों को स्टाक एक्स्चेंज पर उनकी बिक्री होने तक धारित करके रखें। 3. प्राधिकृत व्यापारियों के संपर्क कार्यालय, विदेशी कंपनी निकायों द्वारा की गई बिक्री लेनदेनों की रिपोर्ट दैनिक आधार पर अब तक की तरह देते रहें। 4. तदनुसार, विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर रहनेवाले किसी निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गमन) विनियमावली, 2000 में संशोधन करते हुए 29 नवम्बर 2001 की अधिसूचना सं.फेमा 46/2001 आर बी जारी की गयी हैं। सुलभ संदर्भ के अधिसूचना की एक प्रति संलग्न है। 5. तथापि, यह स्पष्ट किया जाता है कि विदेशी कंपनी निकाय अब तक की तरह अनिवासी खाता खोलने और बनाये रखने की सुविधाओं का लाभ उठायेंगे। विदेशी कंपनी निकाय समय समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की रिज़र्व बैंक की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000 आर बी के द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत कं बाहर रहनेवाले किसी निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण और निर्गमन) विनियमावली, 2000 के अंतर्गत सीधे निवेश (एफडीआर) के लिए भी पात्र होंगे। 6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये। 7. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है। भवदीय ग्रेस कोशी |