अर्हक आस्तियां मानदंड – सीमाओं की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
अर्हक आस्तियां मानदंड – सीमाओं की समीक्षा
भारिबैं/2019-20/95 08 नवंबर 2019 सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां-सूक्ष्म वित्त संस्थान (एनबीएफ़सी-एमएफ़आई) महोदया/महोदय, अर्हक आस्तियां मानदंड – सीमाओं की समीक्षा कृपया 04 अक्तूबर 2019 को जारी मौद्रिक नीति वक्तव्य के अन्तर्गत विकास और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली तथा जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी- प्रणालीगत रूप से गैर-महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016 के पैरा 3 का संदर्भ लें; जिसमें एनबीएफ़सी-एमएफ़आई के लिए ‘अर्हक आस्तियों’ के अंतर्गत वर्गीकरण हेतु पात्रता मानदंड का उल्लेख किया गया है । 2. आर्थिक पिरामिड के सबसे निचले पायदान के व्यक्तियों को ऋण उपलब्ध कराने में एमएफ़आई की महत्वपूर्ण भूमिका और बढ़ती अर्थव्यवस्था में एमएफ़आई की निर्धारित भूमिका को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि एनबीएफ़सी-एमएफ़आई के उधारकर्ताओं के लिए पारिवारिक आय की सीमा वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ₹ 1,00,000 और शहरी/अर्ध शहरी क्षेत्रों के लिए ₹ 1,60,000 से बढ़ाकर क्रमशः ₹ 1,25,000 और ₹ 2,00,000 कर दी गयी है। 3. इसके अतिरिक्त, किसी उधारकर्ता के कुल कर्ज़ की सीमा को ₹ 1,00,000 से बढ़ाकर ₹ 1,25,000 कर दिया गया है। कुल कर्ज़ की बढ़ी हुई सीमा को ध्यान में रखते हुए, ऋण देने की सीमा को वर्तमान के प्रथम चक्र में ₹ 60,000 और उसके पश्चात के चक्र में ₹ 1,00,000 से बढ़ाकर क्रमशः ₹ 75,000 और ₹ 1,25,000 कर दिया गया है। 4. ये निर्देश इस परिपत्र की तिथि से लागू होंगे। 5. मास्टर निदेशों के अंतर्गत निर्दिष्ट अन्य सभी नियम एवं शर्तें यथावत रहेंगी। उक्त मास्टर निदेशों को तदनुसार संशोधित किया जाएगा । भवदीय, (मनोरंजन मिश्रा) |