आर-विवरणी और आर-विवरणियों के अनुपालन हेतु प्राधिकृत व्यापारियों के लिए मार्गदर्शी निदेश - ए 1 और ए 2 फॉर्म - प्रस्तुत किया जाना बंद करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
आर-विवरणी और आर-विवरणियों के अनुपालन हेतु प्राधिकृत व्यापारियों के लिए मार्गदर्शी निदेश - ए 1 और ए 2 फॉर्म - प्रस्तुत किया जाना बंद करना
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर .सिरीज) परिपत्र क्र. 14 सितम्बर 9, 2002 सेवा में महोदया / महोदय आर-विवरणी और आर-विवरणियों के अनुपालन हेतु प्राधिकृत व्यापारियों सभी प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मार्च 11, 1998 के ए.डी.(एम.ए.सिरीज़) परिपत्र क्र. 12 के अनुबध्द के पैरा 15 के साथ पठित 16 मई 2000 के ए.डी.(एम.ए.सिरीज़) परिपत्र क्र. 11 के पैरा 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार ए1 और ए2 फार्म आर-विवरणियों के साथ रिज़र्व बैंक में प्रस्तुत करना अपेक्षित है । यह निर्णय किया गया है कि 5 लाख रुपये या उसके समतुल्य से कम रकम के विदेशी मुद्रा के सभी प्रकार के लेनदेन के भुगतान से संबंधित, पैरा 15 (ii) (क) और (iii)(क) में निर्धारित फॉर्म ए1 और ए2 आर-विवरणियों के साथ रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करना बंद कर दिया जाए । 2. प्राधिकृत व्यापारीयों को सूचित किया जाता है कि 31 अगस्त 2002 को समाप्त पखवाड़े से आर-विवरणियां तदनुसार प्रस्तुत करें । 3. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीया ग्रेस कोशी |