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कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदा

भारिबैं/2010-11/268
संदर्भ : आंऋप्रवि.पीसीडी.सं.22/11.08.38/2010-11

9 नवंबर 2010

बाजार के सभी सहभागी

महोदय

कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में तैयार वायदा संविदा

कार्पोरेट बॉण्ड बाजार के विकास हेतु उपायों के एक भाग के रूप में, दिनांक 8 जनवरी 2010 की अधिसूचना सं.आंऋप्रवि.डीओडी.04/11.08.38/2009-10 द्वारा जारी दिशानिर्देशों के माध्यम से कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रिपो लेन-देन की अनुमति दी गई थी ।

2. मौद्रिक नीति 2010-11 की दूसरी तिमाही समीक्षा (पैरा-70) में घोषित किए अनुसार बाजार से प्राप्त प्रतिसूचना को ध्यान में रखते हुए निदेशों की पुन: समीक्षा की गई है तथा निम्नानुसार निर्णय लिया गया है :-

  • कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रिपो कारोबार का निपटान DvP I (सकल आधार पर) ढाँचे के अंतर्गत वर्तमान टी+1 और टी+2 आधार के साथ-साथ टी+0 आधार पर करने की अनुमति है ।

  • कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों के कारोबार के पहले चरण की तारीख को बाज़ार मूल्य पर लागू न्यूनतम कमीशन (minimum haircut), जो 25 प्रतिशत थी अब निम्नानुसार संशोधित कर दी गई है :-

रेटिंग

एएए

एए+

एए

न्यूनतम कमीशन

10%

12%

15%

जहाँ रिपो अवधि एक पखवाड़े के लिए अथवा जहाँ पुन:मार्जिन (रिपो की अवधि लंबी होने पर) दैनिक आधार पर है वहाँ उपर्युक्त कमीशन न्यूनतम निर्धारित कमीशन है ।

3. इस संबंध में जारी दिशानिर्देश दिनांक 9 नवंबर 2010 के आंऋप्रवि.पीसीडी.सं.21/ 11.08.38/2010-11 के साथ संलग्न हैं । ये संशोधन 1 दिसंबर 2010 से प्रभावी होंगे ।

भवदीय

(के.के. वोहरा)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग
23वीं मंज़िल, केद्रीय कार्यालय फाटर्ट
मुंबई-400 001

मुंबई, 9 नवंबर 2010
कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में रिपो (संशोधन) दिशानिर्देश -2010

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45 डब्ल्यू द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 8 जनवरी 2010 की अधिसूचना सं.आंऋप्रवि.डीओडी.सं.4/11.08.38/2009-10 के आंशिक संशोधन में रिज़र्व बैंक एतद्वारा 8 जनवरी 2010 की कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश 2010 में (अब से इसे उक्त दिशानिर्देश कहा जाएगा) निम्नानुसार संशोधन करता है :-

2. (i) उक्त दिशानिर्देशों के पैरा 8 में, उप पैरा (क) को निम्नानुसार परिवर्तित किया जाएगा:

(क) DvP1 (सकल आधारपर) ढाँचे के अंतर्गत कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों में सभी रिपो कारोबार टी+0 अथवा टी+1 अथवा टी+2 आधार पर निपटाए जाएंगे ।

(ii) उक्त दिशानिर्देशों के पैरा 10 में, उप पैरा (क) को निम्नानुसार परिवर्तित किया जाएगा:

(क) नीचे दर्शाए अनुसार रेटिंग आधारित कमीशन (अथवा रिपो की अवधि तथा पुन:मार्जिन की अवधि के अनुसार सहभागियों द्वारा निर्धारित किए अनुसार उच्चतर) कारोबार के पहले चरण की तारीख को कार्पोरेट ऋण प्रतिभूति के बाजार मूल्य पर निम्नानुसार लागू होगी ।

रेटिंग

एएए

एए+

एए

न्यूनतम कमीशन

10%

12%

15%

3. इन दिशानिदेशों को कार्पोरेट ऋण प्रतिभूतियाँ (संशोधित) दिशानिर्देश 2010 कहा जाएगा तथा उसमें किए गए संशोधन 1 दिसंबर 2010 से प्रभावी होंगे ।

(एच.आर. खान)
कार्यपालक निदेशक

आंऋप्रवि.पीसीडी.सं.21/11.08.38/2010-11

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