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नोस्ट्रो खाते का मिलान तथा बकाया प्रविष्टि के संबंध में कार्रवाई

आरबीआइ 2008-09/475
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 133 /21.04.018/2008-09

11 मई 2009

20 वैशाख 1931 (शक)

अध्यक्ष /मुख्य कार्यपालक
सभी वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

नोस्ट्रो खाते का मिलान तथा बकाया प्रविष्टि के संबंध में कार्रवाई

कृपया 1 जुलाई 1999 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 67/21.04.048/99 और 24 अगस्त 2001 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 16/21.04.018/2001-02 देखें, जिनके अनुसार बैंकों को अनुमति दी गयी थी कि वे नोस्ट्रो खातों की 31 मार्च 1996 तक की अवधि से संबंधित ऐसी प्रविष्टियों के संबंध में निर्धारित ‘नेटिंग’ प्रक्रिया अपना कर अपने नोस्ट्रों खातों का मिलान कर सकते हैं जिनका 31 मार्च 2000 तक मिलान नहीं हुआ है। 31 मार्च 2000 को समाप्त वर्ष के लिए बैंक के खातों में सकल निवल नामे को लाभ और हानि खाते ंमें तथा सकल निवल जमा को फुटकर लेनदार खाते में अंतरित किया गया था। बैंकों को यह भी कहा गया था कि वे नोस्ट्रो खाते में 1 अप्रैल 1996 और उसके बाद की उन नामे प्रविष्टियों के संबंध में प्रत्येक वर्ष 100 प्रतिशत प्रावधान करें जो 3 वर्षों से अधिक समय से बकाया है और जिनका मिलान नहीं हुआ है । 1 अप्रैल 1996 और उसके बाद की ऐसी जमा प्रविष्टियों को, जो 3 वर्षों से अधिक अवधि से बकाया है, अवरुद्ध खाते में अंतरित किया जाना था तथा उन्हें बकाया देयताओं के रूप में दर्शाया जाना था ।

2. हमें बैंकों से अभ्यावेदन प्राप्त होते रहे हैं कि नोस्ट्रो खातों में कुछ समय बीत जाने के बाद बकाया प्रविष्टियों को समाप्त करने में व्यावहारिक कठिनाई आ रही है और काफी व्यय हो रहा है। बैंकों केनोस्ट्रो खातों में काफी समय से लंबित बकाया नामे औरजमा प्रविष्टियों के संबंध में स्थिति की समीक्षा की गयी है और निम्नानुसार निर्णय लिया गया है :

क) नोस्ट्रो खातों में ऐसी बकाया नामे /जमा प्रविष्टियों के संबंध में, जिनमें प्रत्येक का मूल्य 2500 अमरीकी डालर और उससे अधिक या उसके समतुल्य है, बैंक मिलान के लिए प्रयास करते रहेंगे।
   
ख) नोस्ट्रो खातों में 31 मार्च 2002 तक की ऐसी बकाया जमा प्रविष्टियों के संबंध में, जिनमें प्रत्येक का मूल्य 2500 अमरीकी डालर या उसके समतुल्य से कम हो :

(i) बैंक निम्नलिखित को लाभ और हानि खाते में अंतरित करें

  • 1 जुलाई 1999 के बैंपविवि. परिपत्र बीपी. बीसी. 67/21.04.048/99 के अनुसार 1 अप्रैल 1996 के पूर्व की अवधि से संबंधित प्रविष्टियों की ‘नेटिंग’ से प्राप्त जमा शेष राशि जिसे अवरुद्ध खाते में रखा गया है।
  • 24 अगस्त 2001 के परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. 16/21.04.018/2001-02 के अनुसार नोस्ट्रो और मिरर खातों में 1 अप्रैल 1996 और 31 मार्च 2002 के बीच की अवधि की मिलान न की गयी अलग-अलग प्रविष्टियों का योग ।

(ii) लाभ और हानि खाते में जमा की गयी राशि का विनियोजन सामान्य रिज़र्व में किया जाना चाहिए तथा यह राशि लाभांश की घोषणा के लिए उपलब्ध नहीं होगी।

(iii) लेखे पर टिप्पणी में इस संबंध में समुचित प्रकटीकरण किया जाना चाहिए जिसमें लाभ और हानि खाते पर प्रभाव शामिल रहना चाहिए।

(iv) इन प्रविष्टियों के संबंध में किसी भी भावी दावे को स्वीकार किया जाना चाहिए।

ग) बैंक अपने विवेक से नोस्ट्रो और मिरर खातों में 31 मार्च 2002 तक की 2500 अमरीकी डालर या उसके समतुल्य मूल्य से कम मूल्य वाली अलग-अलग मिलान न की गयी नामे प्रविष्टियों को 1 जुलाई 1999 के परिपत्र के अनुसार पहले ही किये गये प्रावधान के आधार पर बट्टे खाते में डाल सकते हैं।

घ) 1 अप्रैल 2002 या उसके बाद नोस्ट्रो खातों की मिलान न हुई ऐसी सभी जमा प्रविष्टियों को, जो 3 वर्ष से अधिक अवधि से बकाया हैं, अवरुद्ध खाते में अंतरित किया जाना चाहिए और उन्हें बकाया देयताओं के रूप में दर्शाया जाना चाहिए, जिन्हें सीआरआर/एसएलआर की गणना में शामिल किया जाएगा।

ङ) नोस्ट्रो खातों में 1 अप्रैल 2002 या उसके बाद की मिलान न की गयी ऐसी नामे प्रविष्टियों के संबंध में 100 प्रतिशत प्रावधान करें, जो दो वर्षों से (वर्तमान के तीन वर्ष के बदले) अधिक अवधि से बकाया हैं।

3. बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि वे नोस्ट्रो खातों की संख्या को कम करें ताकि उनके मिलान पर बेहतर नियंत्रण हो सके। वे एक ऐसी प्रणाली स्थापित करें ताकि शीघ्र मिलान हो सके और शीर्ष प्रबंधतंत्र द्वारा नोस्ट्रो खातों की लंबित मदों पर अल्प अंतरालों में निकट से निगरानी हो सके। बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे इस प्रकार की मिलान न हुई शेष राशियों की वृद्धि रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रभावी रूप से प्रयोग करें।

 

भवदीय

(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक

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