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एटीएम विफलता पर लेन-देनों का समाधान - समय सीमा

आरबीआई/2009-2010/100
डीपीएसएस सं.101/02.10.02/2009-2010

17 जुलाई 2009

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/ शहरी सहकारी बैंक / राज्य सहकारी बैंक /
जिला केंद्रीय सहकारी बैंक सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
एटीएम नेटवर्क प्रदाता

महोदया / प्रिय महोदय

एटीएम विफलता पर लेन-देनों का समाधान - समय सीमा

कृपया शीर्षांकित विषय पर दिनांक 11 फरवरी 2009 और 23 अक्टूबर 2008 के हमारे पत्र क्रमशः डीपीएसएस संख्या 1424 और 711/02.10.02/2008-2009 का संदर्भ लें। इनमें निहित अनुदेशों के अनुसार, बैंकों को ग्राहक की शिकायत प्राप्त होने की तारीख से अधिकतम 12 कार्य दिवसों की अवधि के भीतर असफल एटीएम लेनदेन के कारण गलत तरीके से नामे (डेबिट) की गई राशि की प्रतिपूर्ति करनी होगी। भारतीय रिज़र्व बैंक को उनमें निर्धारित अनुदेशों की बैंकों द्वारा अननुपालन की अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। इसके अलावा, हमारे संज्ञान में यह आया है कि विभिन्न बैंकों ने अन्य बैंक के ग्राहकों से/के लिए नकद आहरण की अनुमति हेतु अलग-अलग अधिकतम निर्दिष्ट (कट-ऑफ) सीमाएं निर्धारित कर रखी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इन मामलों की व्यापक समीक्षा की गई है। बैंक निम्नलिखित निदेशों का अनुपालन करें:

i) बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे ग्राहक की शिकायत प्राप्त होने की तारीख से अधिकतम 12 कार्य दिवसों की अवधि के भीतर असफल एटीएम लेनदेन के कारण गलत तरीके से नामे (डेबिट) की गई राशि की प्रतिपूर्ति करें।

ii) शिकायत प्राप्त होने की तारीख से 12 कार्य दिवसों के भीतर ग्राहक के खाते में पुनः-क्रेडिट करने में किसी भी विफलता के लिए, बैंक व्यथित ग्राहक को प्रति दिन 100/- रुपये का मुआवजा देगा। यह मुआवजा ग्राहक द्वारा किसी भी दावे के बिना स्वचालित रूप से ग्राहक के खाते में उसी दिन जमा किया जाएगा, जब बैंक विफल एटीएम लेन-देन के लिए क्रेडिट प्रदान करता हैI

iii) जारीकर्ता बैंक अधिग्राहक बैंक से ग्राहक को भुगतान किए गए इस तरह के मुआवजे (क्षतिपूर्ति) का दावा करने का हकदार है, अगर देरी के लिए बाद वाले बैंक (अधिग्राहक) को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इसी प्रकार से एटीएम नेटवर्क परिचालक (ऑपरेटर), बैंकों को उनकी ओर से हुई किसी भी देरी के लिए क्षतिपूर्ति करेंगे।

iv) विफल एटीएम लेन-देन के लिए ग्राहकों की प्रतिपूर्ति में देरी के मामलों को कवर करने के लिए बैंकों को समवर्ती लेखापरीक्षा के दायरे का विस्तार करना होगा।

v) प्रत्येक बैंक अपने निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स) को एटीएम लेनदेन की तिमाही समीक्षा प्रस्तुत करेगा, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ भुगतान किए गए जुर्माने की मात्रा, उसके कारण और ऐसे मामलों के आवर्तन से बचने के लिए की गई कार्रवाई का विवरण होगा। बोर्ड की टिप्पणियों के साथ नोट की एक प्रति मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, मुंबई को भेजी जाएगी।

2. यह निदेश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007, (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के तहत जारी किया गया है। इस परिपत्र के प्रावधानों का अननुपालन होने पर भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) के तहत निर्धारित जुर्माना लगाया जाएगा।

3. कृपया इस परिपत्र की एक प्रति बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने की व्यवस्था करें।

4. कृपया प्राप्ति सूचना दें।

भवदीय

(जी.पद्मनाभन)
मुख्य महाप्रबंधक

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