सरकारी खाता/लेखा में सरकारी प्राप्तियों के विप्रेषण में हुई विलंब के संबंध में ब्याज की वसुली - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी खाता/लेखा में सरकारी प्राप्तियों के विप्रेषण में हुई विलंब के संबंध में ब्याज की वसुली
आरबीआई/2019-20/70 26 सितंबर 2019 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/ प्रबंध निदेशक/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय/महोदया सरकारी खाता/लेखा में सरकारी प्राप्तियों के विप्रेषण में हुई विलंब के संबंध में ब्याज की वसुली कृपया दिनांक 13 फरवरी 2013 का हमारा परिपत्र डीजीबीए.जीएडी.सं. एच-4831/42.01.011/2012-13 देखें जिसमें दोनों केंद्र और राज्य सरकार के लेनदेनों को भारतीय रिज़र्व बैंक में रिपोर्ट करने की प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिए यह सूचित किया गया था कि रु. 500/- या उससे कम की राशि होने पर दण्डात्मक ब्याज की विलंबित अवधि के फूटकर दावों को छोड दिया जाएगा और यह दण्डात्मक ब्याज की परिधि से बाहर होगा। 2. रिज़र्व बैंक में दोनों केंद्र और राज्य सरकार के लेनदेनों के रिपोर्टिंग की प्रक्रिया में एकरूपता लाने की दृष्टि से भारत के महालेखा परीक्षक और नियंत्रक के अनुमोदन से यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 9 मार्च 2016 के सीजीए के कार्यालय ज्ञापन एस- 11012/1(31)/एसी(22)/2015/आरबीडी/332-424 के पैरा 7.4 में दिए गए अनुदेशों राज्य सरकार के लेनदेनों पर भी लागू अर्थात् रु. 500/- या उससे कम की राशि वाले दण्डात्मक ब्याज के फूटकर दावों को छोडते हुए और दण्डात्मक ब्याज की परिधि से बाहर रखा जाए तथा प्रति लेनदेन के आधार पर रु. 500/- की दण्डात्मक ब्याज की सीमा लगाई जाए। 3. आप अपने शाखाओं जो राज्य सरकार के लेनदेनों को संचालित करने के लिए प्राधिकृत हैं की जानकारी में इस अनुदेश को तत्काल लाएं क्योंकि इस संबंध में संबंधित अनुदेश पहले से ही है। 4. राज्य सरकारों को भी इस अनुदेश के बारे में सूचित किया जा रहा है। भवदीया (चारुलता एस कर) |