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अनिवासी भारतीय/ भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा भारत में अचल संपत्ति की खरीद से संबंधित फ्लैट/प्लॉट का अनाबंटन/बुकिंग निरसन/सौदे के मूल्य की वापसी

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001

ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 46

नवंबर 12, 2002

सेवा में
विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय

अनिवासी भारतीय/ भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा भारत में
अचल संपत्ति की खरीद से संबंधित फ्लैट/प्लॉट का
अनाबंटन/बुकिंग निरसन/सौदे के मूल्य की वापसी

प्राधिकृत व्यापारीयों का ध्यान दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 के पैरा 3(i) की ओर आकृष्ट किया जाता है जियके अनुसार गृह निर्माण एजंसी द्वारा अनिवासी भारतीयों (भारतीय मूल के व्यक्तियों समेत) को आवेदन/बयाना धन की वापसी, फ्लैट/प्लॉट के अनाबंटन के कारण, जांच सहित यदि कोई हो (देय आयकर के बाद) खाता धारक के एनआरई खाते में जमा करने की अनुमति दी जाती है बशर्ते कि मूल भुगतान खाता धारक के एनआरई/एफसीएनआर खाते में से किया गया हो अथवा भारत के बाहर से सामान्य बैंकिंग माध्यम से प्राप्त प्रेषण से किया गया हो और जिसके बारे में प्राधिकृत व्यापारी उसकी सत्यता से संतुष्ट हो ।

2. विक्रेता द्वारा आवासीय, व्यापारिक संपत्ति की बुकिंग/ सौदे के निरसन के कारण खरीद मूल्य की वापसी को एनआरई /एफसीएनआर खाते में जमा करने की अनुमति देने के विचार से रिज़र्व बैंक ने 29 जून 2002 (प्रतिलिपि संलग्न) की अधिसूचना में संशोधन करने के लिए जारी की है । तदनुसार प्राधिकृत व्यापारी अनिवासी भारतीय / भारतीय मूल के व्यक्तियों को आवेदन/बयाना धन/खरीद मूल्य, गृह निर्माण एजंसीओं /विक्रेता द्वारा आवासीय, व्यापारिक संपत्ति की बुकिंग/सौदे के निरसन के कारण खरीद मूल्य की वापसी के धन को उनके एनआई/एफसीएनआर खाते में जमा करने की अनुमति दे सकते हैं बशर्ते कि मूल भुगतान खाता धारक के एनआरई/एफसीएनआर खाते में से किया गया हौ अथवा भारत के बाहर से सामान्य बैंकिंग माध्यम से प्राप्त प्रेषण से किया गया हो और जिसके बारे में प्राधिकृत व्यापारी उसकी सत्यता से संतुष्ट हो ।

3. 3 मई 2000 की अधिसूचना फेमा सं. 5/2000-आरबी की अनुसूची 1 के पैरा 3 के उप पैरा (i), नामत: विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 के साानि पर संलग्न अधिसूचना प्रतिस्थापित की जाए ।

4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें ।

5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है ।

भवदीया

(ग्रेस कोशी)
मुख्य महाप्रबंधक

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