प्राप्तियों के समनुदेशन का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022 - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राप्तियों के समनुदेशन का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022
भारतीय रिजर्व बैंक अधिसूचना सं.विवि.विसंअ.081/मुमप्र (जेपीएस) – 2022 14 जनवरी, 2022 प्राप्तियों के समनुदेशन का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022 फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 (2012 का 12) की धारा 31ए के साथ पठित धारा 19 (1ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक, व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली (ट्रेड्स) द्वारा फैक्टर्स की ओर से सेंट्रल रजिस्ट्री में लेनदेन के विवरण दाखिल करने के तरीके से संबंधित निम्नलिखित नियम बनाता है। 1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ (1) इन विनियमों को प्राप्तियों के समनुदेशन का पंजीकरण (रिज़र्व बैंक) विनियम, 2022 कहा जाएगा। (2) ये विनियम सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे। 2. परिभाषाएं इन विनियमों के प्रयोजन के लिए, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो: (1) "अधिनियम" का अर्थ फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 (2012 का 12) है; (2) "सेंट्रल रजिस्ट्रार" का अर्थ वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा ब्याज अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 21 की उपधारा (1) के तहत नियुक्त व्यक्ति है; (3) "सेंट्रल रजिस्ट्री" का अर्थ वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा ब्याज अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 20 के तहत स्थापित केंद्रीय रजिस्ट्री है। 3. प्राप्य लेनदेन के समनुदेशऩ का पंजीकरण (1) जहां किसी भी व्यापार प्राप्तियों को व्यापार प्राप्य छूट प्रणाली (ट्रेड्स) के माध्यम से वित्तपोषित किया जाता है; फैक्टर की ओर से संबंधित ट्रेड्स, इस तरह के समनुदेशन या उसकी संतुष्टि का विवरण, तारीख से दस दिनों की अवधि के भीतर, केंद्रीय रजिस्ट्री में निम्न तरीके से दर्ज करेगा। (ए) फॉर्म I में फैक्टर के पक्ष में प्राप्तियों का समनुदेशन, जिसे अधिकृत व्यक्ति द्वारा वैध इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर का उपयोग करके प्रमाणित किया जाएगा। (बी) फॉर्म II में प्राप्तियों की पूर्ण वसूली पर प्राप्तियों के समनुदेशन की संतुष्टि, जिसे अधिकृत व्यक्ति द्वारा वैध इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर का उपयोग करके प्रमाणित किया जाएगा। (2) यदि उप-विनियम (1) में निर्दिष्ट विवरण उसमें निर्दिष्ट अवधि के भीतर दाखिल नहीं किए जाते हैं, तो केंद्रीय रजिस्ट्रार, देरी के कारणों को बताते हुए इस संबंध में किए गए आवेदन पर संतुष्ट होने पर, समय-समय पर संशोधित प्राप्तियों के समनुदेशन के पंजीकरण नियम, 2012 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क के भुगतान पर, उसके द्वारा निर्दिष्ट अतिरिक्त समय, जो दस दिनों से अधिक न हों, के भीतर उक्त विवरणों को फाइल किए जाने की अनुमति दे सकता है। (3) प्राप्तियों के समनुदेशन या उगाही पर प्राप्तियों की संतुष्टि से संबंधित किसी भी लेनदेन के पंजीकरण के लिए प्रत्येक फॉर्म के साथ, समय-समय पर संशोधित प्राप्तियों के समनुदेशन के पंजीकरण नियम, 2012 में भारत सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान, केंद्रीय रजिस्ट्रार को, केंद्रीय रजिस्ट्रार द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट तरीके के अनुसार किया जाएगा। (जे. पी. शर्मा) आधिकारिक राजपत्र - असाधारण - भाग-III, खंड 4 में दिनांक 17 जनवरी, 2022 को प्रकाशित |