मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों (MBFCs/निधि) एवं मुचुअल बेनीफिट कंपनियों (MBCs/संभावित निधि) का विनियमन - आरबीआई - Reserve Bank of India
मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों (MBFCs/निधि) एवं मुचुअल बेनीफिट कंपनियों (MBCs/संभावित निधि) का विनियमन
भारिबैं/2007-08 /192
गैबैंपवि.(नीति प्रभा). कंपरिपत्र सं./ 108 /03.02.21/2007-08
नवंबर 22, 2007
मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियाँ(निधि) एवं मुचुअल बेनीफिट कंपनियाँ (संभावित निधि)
प्रिय महोदय
मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों (MBFCs/निधि) एवं मुचुअल बेनीफिट कंपनियों (MBCs/संभावित निधि) का विनियमन
जैसाकि आपको विदित है कि कंपनी कार्य मंत्रालय वर्ष 2001 से मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों (अधूसूचित निधि) एवं मुचुअल बेनीफिट कंपनियों (संभावित निधि) का सघन विनियमन करता है। तदनुसार इस स्थिति को प्रतिबिंबित करते हुए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ सार्वजनिक जमा स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998, मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों एवं मुचुअल बेनीफिट कंपनियों पर यथा प्रयोज्य, अद्यतन हो गए हैं। तथापि, यदि किसी मुचुअल बेनीफिट कंपनी(संभावित निधि) द्वारा निधि कंपनी का दर्जा प्राप्त करने के लिए दिए गए आवेदनपत्र को भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अंतर्गत निरस्त कर दिया जाता है तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर लागू उल्लिखित निदेश के उपबंध ऐसी कंपनी पर लागू हो जाएंगे।
2. 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं. डीएफसी. 118/डीजी(एसपीटी)-98 के मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनियों द्वारा जनता से जमाराशियाँ स्वीकार करने पर प्रतिबंध संबंधी पैरा 3(1) को भी हटा दिया गया है।
3. 22 नवंबर 2007 की संशोधनकारी अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 197/मुमप्र(पीके)-2007 के साथ-साथ 31 जनवरी 1998 की अद्यतन की गई अधिसूचना सं. डीएफसी. 118/डीजी(एसपीटी)-98 की एक-एक प्रति आपकी सूचना एवं अनुपालन के लिए संलग्न है।
भवदीय
(पी. कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 197 /मुमप्र(पीके)-2007, दिनांक नवंबर 22, 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक , इस बात से संतुष्ट होने पर कि जनता के हित में और वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु बैंक को समर्थ बनाने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ सार्वजनिक जमा स्वीकरण (रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45-ञ, 45-ञक , 45-“, 45-" एवं 45 ढग द्वारा प्रदत्त शत्तियों का प्रयोग करते हुए और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली सभी शत्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश देता है कि 31 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं. डीएफसी. 118/डीजी(एसपीटी)-98 में अंतर्विष्ट निदेश तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित होंगे अर्थात-
- पैराग्राफ 3 का उप पैराग्राफ (1) हटा दिया जाएगा।
- पैराग्राफ 3 का उप पैराग्राफ (2) निम्नलिखित से प्रतिस्थापित होगा:
"इन निदेशों में अंतर्विष्ट उपबंध मुचुअल बेनीफिट फायनांसियल कंपनी एवं मुचुअल बेनीफिट कंपनी पर लागू नहीं हेंगे;
बशर्ते मुचुअल बेनीफिट कंपनी का आवेदनपत्र भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम, 1956(1956 का 1) के प्रावधानों के अंतर्गत निरस्त न कर दिया गया हो ।"
(पी.कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक