बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण नीति में छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण नीति में छूट
आरबीआइ/2010-2011/390 27 जनवरी 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय/महोदया बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - 01 दिसंबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 65/22.01.001/2009-10 के अनुसार घरेलू अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को टीयर - 3 से टीयर - 6 केंद्रों (जनगणना 2001 के अनुसार 49,999 जनसंख्या तक) तथा उत्तर-पूर्व राज्यों तथा सिक्किम के ग्रामीण, अर्द्ध-शहरी तथा शहरी केंद्रों में शाखाएं खोलने की आम अनुमति दी गई थी बशर्तें उनकी रिपोर्टिंग की जाती है । 2. बैंक, आम अनुमति के अंतर्गत शाखाएं खोलने के लिए शाखा प्राधिकरण पर 01 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 8/22.01.001/2010-11 के पैराग्राफ 6.3 (ख) में परिकल्पित दूरी संबंधी मानदंड लागू होने के बारे में हमसे जानकारी मांग रहे हैं । यह स्पष्ट किया जाता है कि उपर्युक्त मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ 6.3 (ख) के अंतर्गत उल्लिखित शर्तें आम अनुमति के अंतर्गत शाखाएं खोलने पर लागू नहीं होंगी । 3. इसके अलावा, यह निर्णय लिया गया है कि घरेलू अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को टीयर- 3 से टीयर - 6 केंद्रों (जनगणना 2001 के अनुसार 49,999 तक जनसंख्या) तथा उत्तर-पूर्व राज्यों एवं सिक्किम के ग्रामीण अर्द्ध-शहरी तथा शहरी केंद्रों में प्रशासनिक कार्यालय तथा केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी)/सेवा शाखाएं खोलने के लिए आम अनुमति प्रदान की जाए बशर्तें उनकी रिपोर्टिंग की जाती है । प्रशासनिक कार्यालय (नियंत्रक कार्यालय) प्रशासनिक कार्य करेंगे । केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी)/ सेवा शाखाएं पूर्णतया बैक ऑफिस का कामकाज देखेंगे । इन केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्रों (सीपीसी)/सेवा शाखाओं का ग्राहकों के साथ कोई प्रत्यक्ष संपर्क नहीं होना चाहिए । 4. बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन केंद्रों पर आम अनुमति के अधीन शाखाएं खोली जाती हैं वे किसी बड़े केंद्र से संबद्ध विस्तारित क्षेत्र (बड़े केंद्र के आस-पास विकसित क्षेत्र) न हों । सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग (डीएसआइएम) ने स्पष्ट किया है कि किसी बड़े केंद्र से संबद्ध विस्तारित क्षेत्र को भी जनसंख्या समूह के उसी वर्ग में माना जाएगा जिस वर्ग में उसका बड़ा केंद्र होगा । 5. बैंकों द्वारा आम अनुमति के अंतर्गत खोले गए अपने प्रशासनिक कार्यालयों तथा केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्रों (सीपीसी)/ सेवा शाखाओं के ब्योरों की सूचना शाखा प्राधिकरण पर 01 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ 19 में परिकल्पित मौजूदा रिपोर्टिंग प्रणाली के अनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक को दी जानी चाहिए । भवदीय (ए. के. खौंड) |