छोटे मूल्य के प्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा देना - आरबीआई - Reserve Bank of India
छोटे मूल्य के प्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा देना
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर.सिरीज) परिपत्र क्र. 16 सितम्बर 12, 2002 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय छोटे मूल्य के प्रेषणों के लिए विदेशी मुद्रा देना सभी प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 की धारा 10 की उपधारा (5) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार व्यक्ति यदि किसी व्यक्ति की ओर से विदेशी मुद्रा लेनदेन करने से पहले उस व्यक्ति से घोषणा पत्र करे और वह व्यक्ति ऐसी जानकारी दे जिससे प्राधिकृत व्यक्ति उचित रुप से संतुष्ट हो कि लेनदेन में अधिनियम अथवा उसके अंतर्गत जारी किसी नियम, विनियम, अधिसूचना निदेश अथवा आदेश के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा । 2. निवासी व्यक्तियों को बिना किसी असुविधा के, विभिन्न प्रयोजनों के लिए, विदेशी मुद्रा उपलब्ध कराने के विचार से अब निर्णय किया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी 500 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य रकम सभी स्वीकार्य लेनदेनों के प्रयोजन के लिए आधारभूत जानकारी देते हुए आवेदक के साधारण आवेदन पत्र के आधार पर, अर्थात् जिसमें नाम, पता, हिताधिकारी का नाम और पता, प्रेषण का प्रयोजन, प्रेषण की रकम आदि की जानकारी दी गई हो, दे सकते है । यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसे मामलों में ए-2 फॉर्म प्रस्तुत करने के लिए जोर न दिया जाए । 3. आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि यदि विदेशी मुद्रा स्वीकार्य लेनदेन के लिए खरीदी जा रही हो और जबतक कि रकम 500 अमरीकी डॉलर अथवा समतुल्य रकम से ज्यादा न हो और भुगतान आवेदक के बैंक खाते पर जारी चेक द्वारा अथवा मांग ड्राफ्ट द्वारा आहरित करके किया जा रहा हो तब कोई प्रेलख न मांगे । 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों दे दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीया ग्रेस कोशी |