अनिवासी भारतीयों द्वारा चालू आय का विप्रेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनिवासी भारतीयों द्वारा चालू आय का विप्रेषण
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 45 14 मई 2002 प्रति विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी प्रिय महोदय, /महोदया अनिवासी भारतीयों द्वारा चालू आय का विप्रेषण जैसा कि आपको विदित है कि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत जारी 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.5/2000 आर बी की अनुसूची ट3 के पैरा 3 (ii) तहत प्राधिकृत व्यापारी भारत में चालू आय के विप्रेषण की अनुमति खाताधारकों के अनिवासी (सामान्य) रुपया (एनआरओ) खाते की ओर नामे डाल कर दे सकते है। 2. प्राधिकृत व्यापारी अबसे अनिवासी भारतीयों जिन्होने भारत में अनिवासी सामान्य खाता खोला नही है, के किराया, लाभांश, पेन्शन, ब्याज आदि जैसे चालू आय के विप्रेषण की अनुमति किसी सनदी लेखाकार द्वारा एक समुचित प्रमाणपत्र के आधार पर दे सकते है जिसमे यह प्रमाणित किया गया हो कि विप्रेषण की जानेवाली प्रस्तावित राशि विप्रषण के लिए पात्र है और प्रयोज्य करों को अदा किया गया है / के लिए प्रावधान किया गया है। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये। 4. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है। भवदीय ग्रेस कोशी |