विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 - विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) जमाओं के परिवक्वता प्राप्तियों का प्रत्यावर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 - विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) जमाओं के परिवक्वता प्राप्तियों का प्रत्यावर्तन
आरबीआइ/2006-07/401
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.57
मई 18, 2007
सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक और प्राधिकृत बैंक
महोदया/महोदय,
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 - विदेशी मुद्रा
(अनिवासी) खाता (बैंक) जमाओं के परिवक्वता प्राप्तियों का प्रत्यावर्तन
प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी की अनुसूची 2 के पैरा 11 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार संयुक्त खाते निधियों के प्रत्यावर्तन, अस्थायी दौरे के दौरान खाते खोलना, पॉवर आफ एटर्नी द्वारा परिचालन, खाते में रखी गई निधियों की जमानत पर ऋण/ ओवरड्राफ्ट के संबंध में अनिवासी (बाह्य) रुपया खाता पर यथा लागू शर्तें विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) पर आवश्यक परिवर्तनों सहित लागू होंगे।
2. वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य में डपैरा 146(ii)(iii) में की गई घोषण के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों और प्राधिकृत बैंकों को विदेशी मुद्रा (अनिवासी) खाता (बैंक) जमा राशियों की परिपक्वता प्राप्तियों के भारत से बाहर तीसरी पार्टी को प्रेषण की अनुमति दी जाए बशर्ते लेनदेन को, खाताधारक द्वारा विशेष रूप से प्राधिकृत किया जाता है तथा प्राधिकृत व्यापारी लेनदेन की वास्तविकता से संतुष्ट है।
3. मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी डविदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं।
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक तथा प्राधिकृत बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक