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असेट प्रकाशक

79170509

आरबीआई के साथ रेपो/रिवर्स रेपो लेन देन

भारिबैं/2015-2016/403
एफएमआरडी.डीआइआरडी.10/14.03.002/2015-16

19 मई 2016

आरबीआई द्वारा विनियमित सभी पात्र प्रतिष्ठान

प्रिय महोदय,

आरबीआई के साथ रेपो/रिवर्स रेपो लेन देन

कृपया आप बाजार रेपो के अंतर्गत रेपो/रिवर्स रेपो लेन देनों के लेखांकन के संबंध में हमारा परिपत्र सं. आइडीएमडी/435/11.08.43/2009-10 दिनांक 23 मार्च 2010 देखें । जैसाकि उसमें उल्लेख किया गया था, ये लेखांकन मानदंड चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत आरबीआई के साथ किये गये रेपो/रिवर्स रेपो लेन देनों पर लागू नहीं होते थे ।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि : (क) एलएएफ के अंतर्गत रेपो/रिवर्स रेपो लेन देनों के लिए बाजार प्रतिभागियों द्वारा अपनाये जाने वाले लेखांकन मानदंडों और आरबीआई की सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) को संरेखित किया जाये । तदनुसार, उक्त परिपत्र के अनुसार निर्धारित लेखांकन मानदंड, आवश्यक परिवर्तनों के साथ, एलएएफ/एमएसएफ के अंतर्गत रेपो/रिवर्स रेपो लेन देनों पर लागू होंगे । आरबीआई के साथ रेपो/रिवर्स रेपो लेन देनों और बाजार रेपो लेन देनों में विभेद करने के लिए एक समानांतर लेखों का सेट, जैसाकि बाजार रेपो के लिए रखा जाता है, रखा जाये, लेकिन उसमें ‘आरबीआई‘ उपसर्ग लगाया जाये (अनुबंध);

(ख) एलएएफ/एमएसएफ लेन देन आरंभ करते समय अंकित मूल्य के बदले मार्जिन (haircut) की गणना करने के लिए संपार्श्विक प्रतिभूतियों के बाजार मूल्य को हिसाब में लिया जाये ;

(ग) आरबीआई के साथ रिवर्स रेपो के अंतर्गत बैंकों द्वारा अर्जित प्रतिभूतियों को एसएलआर स्टैटस दिया जाये ; और

(घ) आरबीआई परिपत्र एफएमआरडी.डीआइआरडी.5/14.03.002/2014-15 दिनांक 5 फरवरी 2015 के अंतर्गत निर्धारित शर्तों के अधीन बाजार प्रतिभागियों के साथ एलएएफ रिवर्स रेपो के अंतर्गत प्राप्त प्रतिभूतियों को री-रेपो करने की अनुमति दी जाये ।

3. उक्त दिशा-निर्देश आरबीआई के साथ किये गये सभी प्रकार के रेपो/रिवर्स रेपो लेन देनों पर, जिनमें एलएएफ, वैरिएबल टर्म ऑपरेशन्स और एमएसएफ शामिल है, लागू होंगे । ये दिशा-निर्देश 3 अक्तूबर 2016 से लागू होंगे ।

भवदीय,

(आर.सुब्रमणियन)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

आरबीआई-एलएएफ/एमएसएफ लेन देनों के लिए निम्नलिखित खाते रखे जायें, यथा, i) आरबीआई रेपो खाता, ii) आरबीआई रिवर्स रेपो खाता, iii) आरबीआई रिवर्स रेपो ब्याज आय खाता, iv) आरबीआई रेपो ब्याज व्यय खाता, v) आरबीआई रिवर्स रेपो ब्याज प्राप्य खाता, और vi) आरबीआई रेपो ब्याज देय खाता ।

2. उपर्युक्त खातों के अतिरिक्त निम्नलिखित ‘कंट्रा’ खाते भी रखे जायें, यथा, (i) सिक्युरिटीज सोल्ड अंडर आरबीआई रेपो एकाउंट, (ii) सिक्युरिटीज परचेज्ड अंडर आरबीआई रिवर्स रेपो एकाउंट, (iii) सिक्युरिटीज रिसीवेबल अंडर आरबीआई रेपो एकाउंट और (iv) सिक्युरिटीज डेलिवरेबल अंडर आरबीआई रिवर्स रेपो एकाउंट ।

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