विशेष व्यवस्था - वित्तीय वर्ष 2007-2008 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विशेष व्यवस्था - वित्तीय वर्ष 2007-2008
आरबीआई/2007-08/234 08 फरवरी 2008 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदय (i) केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड विशेष व्यवस्था - वित्तीय वर्ष 2007-2008 कृपया 22 फरवरी 2007 का परिपत्र सं.आरबीआई/2007/264(डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-12812/42.01.029/2006-07) देखें, जिसमें वित्तीय वर्ष 2006-07 के लिए आपके बैंक की प्राप्तकर्ता/नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं में प्रत्यक्ष करों (सीबीडीटी) तथा अप्रत्यक्ष करों (सीबीईसी) के संग्रहण और विभागीय मंत्रालयों के लेन-देनों की रिपोर्टिंग तथा लेखांकन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया सूचित की गई है। 2. भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि वित्तीय वर्ष 2007-08 के लिए मार्च, 2008 के महीने हेतु शेष लेनदेन को बंद करने की तारीख 15 अप्रैल 2008 (मंगलवार) निर्धारित की जाए। 3. वित्तीय वर्ष 2007-08 के लिए सरकारी खातों को बंद करने के मद्देनजर, आप अपनी शाखाओं में यह अनुदेश पुनः दोहरा सकते हैं कि वे मार्च 2008 के दूसरे पखवाड़े से अपनी प्राप्तकर्ता शाखाओं (स्थानीय रूप से स्थित) में विशेष संदेशवाहक व्यवस्था शुरू करें। ऐसी प्राप्तकर्ता शाखाएं जो स्थानीय रूप से स्थित नहीं हैं, वे भी नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं को चालान/स्क्रॉल आदि भेजने के लिए मार्च 2008 के दूसरे पखवाड़े से कूरियर सेवा आदि जैसी विशेष व्यवस्थाएं अपनाएं ताकि मार्च के अंत में सरकार की ओर से किए गए सभी भुगतान और संग्रहणों का लेखा-जोखा उसी वित्तीय वर्ष में किया जा सके। शाखाओं को यह भी अनुदेश दिया जाए कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं कि बकाया, यदि कोई हो, 15 मार्च 2008 से पहले चुकाया जाए। 4. जहां तक नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं द्वारा अप्रैल में मार्च, 2008 के लेन-देनों की सूचना देने का संबंध है, शाखाओं को अनुबंध में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन करने हेतु सूचित किया गया है। कुल मिलाकर, नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं को स्क्रॉल के अलग-अलग सेट तैयार करने होंगे, एक मार्च अवशिष्ट लेनदेन से संबंधित होगा और दूसरा अप्रैल 2008 के पहले 15 दिनों के दौरान अप्रैल लेनदेन से संबंधित होगा। नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाएं यह भी सुनिश्चित करें कि सभी लेन-देन (राजस्व/कर संग्रहण/भुगतान) 31 मार्च 2008 तक प्राप्तकर्ता शाखाओं में चालू वित्तीय वर्ष के खातों में ही प्रभावी हो जाएं और अप्रैल 2008 के लेनदेन के साथ इन्हें न मिलाया जाए। इसके अलावा, मार्च 2008 से 15 अप्रैल 2008 तक के लेनदेन की रिपोर्ट करते समय, अप्रैल 2008 के लेनदेन को "मार्च अवशिष्ट लेनदेन" के साथ न मिलाया जाए। 5. गैर-नागरिक मंत्रालयों अर्थात् रक्षा, डाक, रेलवे और दूरसंचार के लेन-देन की रिपोर्टिंग और लेखांकन के लिए अब अपनाई जाने वाली प्रक्रिया (जिसे 1 अक्तूबर 1993 से संशोधित किया गया था), विभागीय मंत्रालयों के लेनदेन की रिपोर्टिंग और लेखांकन की प्रक्रिया के समान है। प्राप्तकर्ता शाखाओं द्वारा नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं को मार्च के लेनदेन की रिपोर्टिंग के लिए विशेष व्यवस्था और अप्रैल 2008 में नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं द्वारा मार्च 2008 के लेनदेन की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया जैसा कि ऊपर पैराग्राफ 3 और 4 में बताया गया है, गैर-सिविल मंत्रालयों के लेन-देन की रिपोर्टिंग पर भी लागू है। गैर-नागरिक मंत्रालयों के लेन-देन, यदि कोई हो, को संभालने वाले आपकी बैंक शाखाओं को उपर्युक्त प्रक्रिया का पालन करने हेतु सूचित किया जाए। 6. आप कृपया इस मामले में अपनी संबंधित शाखाओं को तत्काल आवश्यक अनुदेश जारी करें। भवदीय ह./- (एम.टी. वर्गीज) (दिनांक 08 फरवरी 2008 के डीजीबीए परिपत्र मार्च लेनदेन की रिपोर्टिंग 1 अप्रैल 2008 से, नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाएं संबंधित प्राप्तकर्ता शाखाओं से मार्च 2008 से संबंधित सभी स्क्रॉल/चालान दैनिक आधार पर अलग-अलग करेंगी और निम्नलिखित के लिए अलग मुख्य स्क्रॉल तैयार करेंगी: (क) मार्च 2008 या उससे पहले की अवधि के लेनदेन के लिए स्क्रॉल (अर्थात् पिछले वित्तीय वर्ष 2007-08 के दौरान प्रभावी) और (ख) वर्तमान लेनदेन से संबंधित स्क्रॉल (यानी 1 अप्रैल 2008 से प्रभावी)। 2. 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2008 तक तैयार किए गए मार्च 2008 के लेन-देन के लिए मुख्य स्क्रॉल को विशेष रूप से मार्च अवशिष्ट - 1, मार्च अवशिष्ट - 2 और इसी तरह 15 अप्रैल 2008 तक चिह्नित किया जाए। दूसरे शब्दों में, 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक भेजे गए मार्च 2008 के प्रत्येक मुख्य स्क्रॉल के सीरियल नंबर लगागतार क्रम में आबंटित किए जाएं। मार्च 2008 के लेनदेन के लिए अलग से तैयार की गई रसीदों और भुगतानों के दैनिक सारांश की प्रतियों के साथ ये स्क्रॉल सामान्य तरीके से संबंधित विभागीय अधिकारियों (अर्थात संबंधित आंचलिक लेखा अधिकारी/वेतन अधिकारी एवं लेखा अधिकारी और नामित अधिकारी) को भेजे जाएंगे। नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं को भी अलग-अलग दैनिक मेमो के माध्यम से लिंक सेल को उपर्युक्त लेनदेन की रिपोर्ट करनी होगी। भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग (सीएएस) नागपुर के साथ दैनिक निपटान को पूरा करने के लिए ये सूचनाएं टेलीग्राम / फैक्स द्वारा भेजे जाएं ताकि नागपुर में प्रत्येक बैंक के लिंक सेल को सक्षम किया जा सके। नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं से सूचना (मेमो/टेलीग्राम/फैक्स) प्राप्त होने पर, लिंक सेल मार्च के अवशिष्ट लेनदेन की सूचना को अलग करेगा और उन्हें कंप्यूटर पर संसाधित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक, सीएएस, नागपुर को अलग से अग्रेषित करेगा। यह प्रक्रिया केवल 15 अप्रैल 2008 तक जारी रहनी चाहिए। प्राप्तकर्ता शाखाओं द्वारा इसके बाद रिपोर्ट किए गए सभी लेन-देन की सूचना दी जाएगी और लेन-देन की तारीख के बावजूद रिपोर्ट करने के महीने के लेखा में इसे सामान्य तरीके से हिसाब में लिया जाएगा। मार्च 2008 के लेन-देन के लिए विशेष व्यवस्था के बाद, नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं के लिए यह आवश्यक है कि मार्च 2008 के लेनदेन के लिए आंचलिक लेखा अधिकारियों/वेतन एवं लेखा अधिकारियों को प्रस्तुत किए जाने वाले डीएमएस के दो सेट तैयार करें - एक 31 मार्च 2008 तक के लेनदेन के लिए और दूसरा मार्च अवशिष्ट लेनदेनों के लिए जिन्हें नोडल/फोकल प्वाइंट शाखाओं द्वारा 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2008 के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर के साथ द्वारा समायोजित किया गया है। चूंकि नोडल/फोकल प्वाइंट शाखा मार्च अवशिष्ट लेनदेन के अलावा वर्ष 2008-2009 से संबंधित अप्रैल 2008 के लेनदेन की भी रिपोर्टिंग करेगी, अप्रैल लेनदेन के लिए मासिक विवरण संकलित किया जाए और आंचलिक लेखा अधिकारियों/वेतन एवं लेखा अधिकारियों को इन्हें सामान्य रूप से प्रस्तुत किया जाए। अप्रैल 2008 (वर्ष 2008 - 2009) और मार्च अवशिष्ट लेनदेन में अंतर करने के लिए, मार्च अवशिष्ट लेनदेन से संबंधित विवरण को स्पष्ट रूप से "मार्च अवशिष्ट खाता" के रूप में चिह्नित किया जाए। टिप्पणी: जैसा कि दिनांक 22 मई 1996 के हमारे परिपत्र जीए.एनबी.सं.376/42.01.001/95-96 में सूचित किया गया है, 31 मार्च 2008 या उससे पहले प्राप्त सभी चेक/राशि को चालू वित्त वर्ष से संबंधित मार्च 2008 या मार्च अवशिष्ट लेनदेन" के रूप में माना जाएगा, जिसकी रिपोर्टिंग अप्रैल महीने (15 अप्रैल 2008 तक) के दौरान हो सकती है। लेकिन यदि कोई चेक 31 मार्च 2008 या उससे पहले प्रस्तुत किया जाता है और 1 अप्रैल 2008 या उसके बाद रियलाइज होता है, तो इसे अगले वित्तीय वर्ष के लिए "अप्रैल लेनदेन" के रूप में माना जाएगा। तदनुसार, बैंक मार्च 2008 और अप्रैल 2008 (वर्ष 2008-2009) के लेनदेनों के लिए अलग-अलग स्क्रॉल तैयार करेंगे। |