ओटीसी करेंसी डेरिवेटिव संव्यवहारों की रिपोर्टिंग ट्रेड रिपॉजिटरी को करना
कृपया उपर्युक्त विषय पर आप 04 दिसम्बर 2013 के हमारे परिपत्र एफएमडी. एमएसआरजी. सं.94/02.05.002/2013-14 का अवलोकन कीजिए, जिसमें करेंसी डेरिवेटिव (करेन्सी स्वैप और ग्राहक सौदों एफसीबाई एफआरए/आईआरएस) में यूएसडी 1 मिलियन और अन्य करेन्सियों में इसके तुल्य की सीमा निर्धारित की गई थी कि इनकी रिपोर्ट ट्रेड रिपॉजिटरी (टीआर) को दी जाए।
2. अब यह निर्णय किया गया है कि 06 जनवरी 2020 से यूएसडी 1 मिलियन से कम की नोशनल रकम वाले संव्यवहारों सहित करेन्सी डेरिवेटिव में ग्राहकों के सभी संव्यवहारों की रिपोट्र टीआर में करनी होगी।
3. ट्रेड रिपॉजिटरी में संव्यवहारों को अपडेट करने के प्रयोजन से एकबारगी उपाय के तौर पर एडी श्रेणी-I के सभी बैंक 31 जनवरी 2020 तक यूएसडी 1 मिलियन से कम की नोशनल रकम वाले सभी बकाया ग्राहक संव्यवहारों की रिपोर्ट टीआर को करेंगे।
4. इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 45 W के तहत जारी किया जाता है और इन निदेशों की तारीख से ही ये प्रभावी हो जाएंगे।
भवदीय
(मनोज कुमार) उप महाप्रबंधक
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