विदेशी मुद्रा करेंसी खाता (घरेलू) निवासी व्यक्तियों के लिए सुविधा - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा करेंसी खाता (घरेलू) निवासी व्यक्तियों के लिए सुविधा
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 53 नवंबर 23, 2002 सेवा में महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा करेंसी खाता (घरेलू) प्राधिकृत व्यापारीयों का ध्यान नवंबर 1, 2002 के एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 37 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार सरकार द्वारा अधिसूचना प्रकाशित करने तक निवासी विदेशी मुद्रा (घरेलू) खाता खोलने संबंधी सभी प्राप्त आवेदन रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को अपनी सिफारिश के साथ भेजना वांछित है । 2. रिज़र्व बैंक ने 3 मई 2000 की अधिसूचना फेमा सं. 10/2000-आरबी को संशोधित करने के लिए नवंबर 1, 2002 की अधिसूचना फेमा सं. 74/2002-आरबी जारी की है । उनके अनुसार भारत में निवासी व्यक्ति, भारत के प्राधिकृत व्यापारी के पास करेंसी नोट, बैंक नोट और यात्री चेकों के रूप में अभिगृहीत विदेशी मुद्रा से विदेशी मुद्रा (घरेलू) खाता खोल सकता है, धारित कर सकता है और अनुरक्षित कर सकता है । 3. तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी उक्त अधिसूचना और एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 37 में विहित नियम और शर्तों के अनुपालन के अधीन भारत में निवासी व्यक्ति के लिए अपने पास खाता खोल सकता है, धारित कर सकता है और अनुरक्षित कर सकता है । 4. नवंबर 1, 2002 की अधिसूचना फेमा सं. 74/2002-आरबी के अनुसार मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा सं. 10/2000-आरबी में आवश्यक संशोधन कर दिया जाए । 5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें । 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया (ग्रेस कोशी) |