इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर ( ईबीटी) योजना और वित्तीय समावेश योजना (एफआईपी) के अंतर्गत 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गाँवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की रूपरेखा के अंतर्गत गाँव आबंटित करने के मुद्दों का समाधान - आरबीआई - Reserve Bank of India
इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर ( ईबीटी) योजना और वित्तीय समावेश योजना (एफआईपी) के अंतर्गत 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गाँवों में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की रूपरेखा के अंतर्गत गाँव आबंटित करने के मुद्दों का समाधान
भारिबैं / 2010-11 / 550 30 मई 2011 अध्यक्ष / अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदय / महोदया इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर ( ईबीटी) योजना और वित्तीय यह बात हमारी जानकारी में लाई गई है कि कुछ राज्यों में राज्य सरकारें 'एक जिला एक बैंक प्रतिमान' का प्रयोग कर बैंकिंग मार्ग से हिताधिकारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ उपलब्ध कराने के लिए आईसीटी पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर (ईबीटी) कार्यान्वित कर रही हैं । इसके अतिरिक्त अग्रणी बैंक योजना की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार विभिन्न बैंकों को 2000 से अधिक जनसंख्या वाले बैंक रहित गाँव, में मार्च 2012 तक बैंकिंग आउटलेट खोल कर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए, आबंटित किए गए हैं। कुछ बैंकों ने हमारे क्षेत्रीय कार्यालयों से यह निवेदन किया है कि 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गाँवों में बैंकिंग आउटलेट खोलने की रूपरेखा के अंतर्गत गाँवों को कवर करने में लागत आ रही है, यद्यपि अन्य बैंक को भी अंततः, जिसे इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रान्सफर के अंतर्गत वही गाँव आबंटित किया गया है, वही खर्च करना होगा। 2000 से अधिक जनसंख्या वाले बैंक रहित गाँव विभिन्न बैंकों को आबंटित करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन गाँवों में न्यूनतम 4 उत्पादों अर्थात् बचत, ऋण प्रेषण और बीमाकी बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए कम से कम एक बैंकिंग आउटलेट उपलब्ध कराया जाए। परंतु उपर्युक्त उपाय से इन क्षेत्रों में किसी अन्य बैंक के लिए अवसर की और उपलब्ध व्यावसायिक संभावना के आधार पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने की मनाही नहीं है। उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए यह अपेक्षा की जाती है कि ऐसे मुद्दों को सुलझाने और समावेशन के विभिन्न उपायों के माध्यम से बैंक रहित गाँवों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में भारतीय रिज़र्व बैंक के लक्ष्य को स्पष्ट करने के लिए राज्य की शार्ष संस्था होने के कारण राज्य स्तरीय बैंकर समिति को एक मंच के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए। भवदीय ( ए. के. मिश्रा ) |