राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के रूप में स्वर्ण जयंती शहरी रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाई) की पुनर्संरचना - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के रूप में स्वर्ण जयंती शहरी रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाई) की पुनर्संरचना
आरबीआई/2014-15/177 14 अगस्त 2014 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक महोदय, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के रूप में स्वर्ण जयंती शहरी रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाई) की पुनर्संरचना कृपया आप स्वर्ण जयन्ती शहरी रोज़गार योजना (एसजेएसआरवाई) के संबंध में 01 जुलाई 2013 का मास्टर परिपत्र ग्राआऋवि. केंका. जीएसएसडी. बीसी.सं. 01/ 09.16.01/2013-14 देखें। 2. भारत सरकार, आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय (एमओएचयूपीए) ने वर्तमान स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (एसजेएसआरवाई) की पुनर्संरचना की है और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) शुरू किया है। एनयूएलएम के स्वरोजगार कार्यक्रम (एसईपी) घटक में वैयक्तिक और समूह उद्यमों तथा शहरी गरीबों के स्वयं-सहायतासमूहों (एसएचजी) की स्थापना को समर्थन देने के लिए ऋणों पर ब्याज सब्सिडी के प्रावधान के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 3. एसजेएसआरवाई के यूएसईपी (शहरी स्वरोजगार योजना) घटक और यूडब्ल्यूएसपी (शहरी महिला स्वयं-सहायता कार्यक्रम) घटक के लिए वर्तमान के पूंजी सब्सिडी के प्रावधान के स्थान पर वैयक्तिक उद्यम (एसईपी-I), समूह उद्यम (एसईपी-जी) और स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) के ऋणों पर ब्याज सब्सिडी का प्रावधान रहेगा। 4. उक्त मंत्रालय द्वारा हमें सूचित किया गया है कि सभी जिला मुख्यालयों (चाहे जनसंख्या कोई भी हो) और 1 लाख अथवा उससे अधिक की जनसंख्या वाले सभी शहरों में 24 सितंबर 2013 से एनयूएलएम कार्यान्वित हो जाएगा और एसजेएसआरवाई 31 मार्च 2014 तक प्रचलन में रहेगा। तदनुसार, एसजेएसआरवाई दिशानिर्देशों के अनुसार एसजेएसआरवाई के घटक यूएसईपी और यूडब्ल्यूएसपी के अंतर्गत क्रमश: वैयक्तिक और समूह उद्यमों की स्थापना के लिए दिए जानेवाले बैंक ऋणों पर 31 मार्च 2014 तक पूंजी सब्सिडी भी दी जाएगी। 5. एनयूएलएम के स्व-रोजगार कार्यक्रम (एसईपी) घटक के परिचालनात्मक दिशानिर्देश अनुबंध में दिए गए हैं। ये मंत्रालय की वेबसाइट http://mhupa.gov.in/NULM_Mission/nulm_mission.htm पर भी उपलब्ध हैं। 6. सभी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इसे नोट करें और दिशानिर्देशों का पालन करें। भवदीय (ए. उदगाता) अनु. – यथोक्त |