गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली विवरणियाँ- संशोधित फार्मेट - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली विवरणियाँ- संशोधित फार्मेट
भारिबैं /2011-12/195 22 सितम्बर 2011 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों के अतिरिक्त) महोदय, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली विवरणियाँ- संशोधित फार्मेट मौजूदा निदेशों के अनुसार गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से अपेक्षित है कि वे जमाराशियाँ स्वीकारने, विवेकपूर्ण मानदण्डों, पूंजी बाजार जोखिम आदि के संबंध में विभिन्न विवरणियाँ प्रस्तुत करें। इन विवरणियों में से कुछ निम्नलिखित है:- ए. जमाराशियाँ स्वीकारने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली विवरणियाँ
बी. संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जमाराशियाँ न स्वीकारने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली विवरणियाँ
सी. ₹ 50 करोड़ एवं अधिक किन्तु ₹ 100 करोड़ से कम की परिसंपत्तियों वाली जमाराशियाँ न स्वीकारने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की महत्त्वपूर्ण वित्तीय पैरामीटरों पर विवरणी त्रैमासिक विवरणी संबंधी बुनियादी सूचनायें जैसे कंपनी का नाम, पता, एनओएफ , पिछले तीन वर्षो का लाभ/हानी.7 2. रिपोर्टिंग प्रणाली को कारगर बनाने तथा डाटा एकत्रित करने के वर्तमान पद्धति को विकसित करने के लिए उक्त विवरणियों को पुर्नगठित करने का निर्णय लिया गया है. एनबीएस 1 तथा एनबीएस 2 जिसकी आवधिकता क्रमश: वार्षिक तथा अर्ध वार्षिक थी, उसे त्रैमासिक किया गया है. जैसा कि एनबीएस 1 की प्रस्तुति त्रैमासिक कर दिया गया है अत: एनबीएस 5 को वापस लिया जाता है. एनबीएस 7 की आवधिकता वार्षिक से परिवर्तित कर त्रैमासिक कर दी गई है. प्रस्तुत की जाने वाली शेष विवरणियां जैसे एनबीएस 3, एनबीएस 6, जमाराशियाँ न स्वीकारने वाली संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की महत्त्वपूर्ण वित्तीय पैरामीटरों पर मासिक विवरणी तथा ₹ 50 करोड़ से ₹ 100 करोड़ के बीच की परिसंपत्तियों वाली जमाराशियाँ न स्वीकारने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली त्रैमासिक विवरणी की आवधिकता में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. एनबीएस 4 में भी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है तथा इसका फार्मेट और आवधिकता वैसा ही जारी रहेगा. चुंकि बैंक द्वारा संशोधित विवरणीयां जैसे एनबीएस 1, एनबीएस 2, एनबीएस 3, एनबीएस 6, एनबीएस 7 तथा जमाराशियाँ न स्वीकारने वाली संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की मासिक विवरणियों को बैंक के वेबसाइट https://cosmos.rbi.org.in पर लगाया गया है.अत: गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां उक्त पैराग्राफ में विनिर्दिष्ट विवरणियों को संशोधित फार्मेट में ऑन लाइन प्रस्तुत करें. पहली ऎसी विवरणियां जैसे एनबीएस 1, एनबीएस 2 तथा एनबीएस 7 की प्रस्तुति जून 2011 समाप्त तिमाही तथा एनबीएस 3 को सितम्बर 2011 समाप्त तिमाही से प्रारंभ किया जाए. मासिक विवरणियां जैसे एनबीएस 6 तथा जमाराशियाँ न स्वीकारने वाली संपूर्ण प्रणाली की दृष्टि से महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की मासिक विवरणी की प्रस्तुति सितम्बर 2011 से किया जाए. जमाराशि स्वीकर करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जिसने मार्च 2011 को एनबीएस 1 (वार्षिक) प्रस्तुत नहीं किया है वे भी संशोधित फार्मेट में तत्काल इसे प्रस्तुत करें. 3. संशोधन अधिसूचना सं: गैबैंपवि(नीप्र) 230/मुमप्र(युएस) 2011 संशोधन गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां जमा राशि स्वीकर करने वाली (रिजर्व बैंक )निदेश 1998 सं: गैबैंपवि (नी प्र) 231/मुमप्र(युएस) 2011 संशोधन गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (जमाराशि स्वीकर या धारण करने वाली) कंपनियां विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक ) निदेश 2007 तथा गैबैंपवि(नीप्र) 232/मुमप्र(युएस) 2011 द्वारा संशोधन भारतीय रिजर्व बैंक (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) विवरणी विनिर्देश 1997, गहन अनुपालन हेतु संलग्न है. 4. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां इसकी पावती तथा उक्त निदेशों के अनुपालन की पुष्टि क्षेत्रीय कार्यालय को करें जिसके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत वे पंजीकृत है. भवदीया, (उमा सुब्रमणियम) संलग्न: यथोपरि. भारतीय रिजर्व बैंक अधिसूचना संख्या. गैबैंपवि(नीप्र) 230/मुमप्र(यूएस)-2011 22 सितम्बर 2011 भारतीय रिजर्व बैंक , जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार करने वाली (रिजर्व बैंक) निदेश 1998 को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम , 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञ, 45ट तथा 45 ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 31 जनवरी 1998 का अधिसूचना सं: डीएफसी.118/डीजी(एसपीटी)-98 में निहित कथित निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा- निम्नलिखित पैराग्राफ -8 के उप पैराग्राफ (3) में शामिल किया जाए, यथा “ 30 जून 2011 से , ऎसी विवरणी को समाप्त तिमाही के 15 दिनों की अवधि के अंदर, त्रैमासिक आधार पर, https://cosmos.rbi.org.in पर उपलब्ध फार्मेट में ऑन लाइन प्रस्तुत किया जाए.“ ( उमा सुब्रमणियम ) भारतीय रिजर्व बैंक अधिसूचना संख्या. गैबैंपवि(नीप्र) 231/मुमप्र(यूएस)-2011 22 सितम्बर 2011 भारतीय रिजर्व बैंक , जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से गैर बैंकिंग वित्तीय (सार्वजनिक जमाराशि स्वीकार या धारण करने वाली) कंपनियां विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश 2007 को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम , 1934 (1934 का 2) की धारा 45ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 22 फरवरी 2007 का अधिसूचना सं: डीएनबीएस.192 डीजी(वीएल)-2007 में निहित कथित निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा- (i) निदेश के पैराग्राफ 21 को निम्नलिखित संशोधित किया जाता है:- तिमाही विवरणी एनबीएस-2 प्रस्तुत करना 21. 30 जून 2011 से, सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, पैराग्राफ 1(3)(i)(ए) तथा (बी) में निर्दिष्ट अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों को छोडकर, प्रत्येक वर्ष की संबंधित तिमाही यथा 31 मार्च , 30 जून , 30 सितम्बर तथा 31 दिसम्बर की समाप्ति के पंद्रह दिनों के अंदर https://cosmos.rbi.org.in पर उपलब्ध फार्मेट में ऑन लाइन प्रस्तुत किया जाए.” (उमा सुब्रमणियम) भारतीय रिजर्व बैंक अधिसूचना संख्या. गैबैंपवि(नीप्र) 232/मुमप्र(यूएस)-2011 22 सित्मबर 2011 भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम , 1934 की धारा 45-झख द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 30 अप्रैल 1997 की अधिसूचना सं. डीएफसी (सीओसी)सं:108.ईडी (जेआरपी)97 द्वारा जारी भारतीय रिजर्व बैंक (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) विवरणी विनिर्देश 1997 में आंशिक संशोधोन करते हुए, रिजर्व बैंक निम्नवत अधिसूचित करता है यथा-
( उमा सुब्रमणियम ) 131 जनवरी 1998 की अधिसूचना सं.डीएफसी.118/डीजी(एसपीटी)-98 द्वारा जोड़ा गया। 222 फरवरी 2007 की अधियूचना सं. गैबैंपवि. 192/डीजी(वीएल)-2007 द्वारा जोड़ा गया। 330 अप्रेल 1997 की अधियूचना सं.डीएफसी(सीओसी). 108.ईडी(जेआरपी)/97 द्वारा जोड़ा गया। 422 फरवरी 2007 की अधियूचना सं. गैबैंपवि. 192/डीजी(वीएल)-2007 द्वारा जोड़ा गया। 527 अप्रैल 2007 के परिपत्र सं. गैबैंपवि.नीति प्रभा. कंपरि.सं. 93/03.05.002/2006-07 द्वारा जोड़ा गया। 66 सितंबर 2005 के परिपत्र सं. गैबैंपवि.(पंनिप्रभा.) कंपरि. सं. 57/02.05.15/2005-06 द्वारा जोड़ा गया। 724 सितंबर 2008 के परिपत्र सं. गैबैंपवि.नीति प्रभा./कंपरि.सं. 130/03.05.002/2008-09 द्वारा जोड़ा गया। |