RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79220671

बैंकों के बीच द्विपक्षीय समाशोधन व्यवस्था की समीक्षा - शहरी सहकारी बैंक

भारिबैं/2009-10/180
संदर्भ.सं.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.14/13.05.000/2009-10

6 अक्तूबर 2009

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय /महोदया

बैंकों के बीच द्विपक्षीय समाशोधन व्यवस्था की समीक्षा - शहरी सहकारी बैंक

जैसा कि आप जानते है, बैंको के सामान्य कारोबार में प्रयुक्त समाशोधन लिखतों के सुविधा जनक, किफायती ढंग से त्वरित कार्यान्वयन और निपटान करने के लिए देश में समाशोधन गृह की एक व्यापक व्यवस्था मौजूद है । वर्तमान में देशभर में मौजूद 1139 समाशोधन गृह टी + 1 आधार पर प्रतिदिन 40 लाख से अधिक चेकों का बहुस्तरीय निवल समाशोधन और निपटान की सुविधा प्रदान कर रहे हैं । वस्तुत: भारत में स्थानीय चेको के प्रोसेसिंग चक्र में चेक की प्रस्तुति तथा वापसी समाशोधन दोनों शामिल हैं जिसकी तुलना विश्वभर में मौजूदी इस प्रकार की प्रणालियों से बखुबी की जा सकती है ।

2. हाल ही में एक बैंक के वार्षिक निरीक्षण में बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग ने यह पाया है कि बैंक में जमा किए गए तथा अन्य बैंकों द्वारा देय उत्तर दिनांकित चेकों की प्रोसेसिंग और समाशोधन के लिए बैंक ने अन्य बैंकों के साथ द्विपक्षीय समझौता किया है । समझौते के अंतर्गत बैंक इस प्रकार के उत्तर दिनांकित चेक अन्य बैंक को वसूली के लिए सीधे भेजता था तथा उसकी राशि अन्य बैंक में खोले गए अपने चालू खाते में जमा करता था । इसी प्रकार की सुविधा अन्य बैंक को भी इस बैंक पर आहरित उत्तर दिनांकित चेको के समाशोधन के लिए दी जा रही थी । कुछ बैंको से पूछने पर यह पता चला है कि बैंको ने आपस में इस प्रकार के काफी द्विपक्षीय समझौते किए हैं और इस तरह समाशोधन गृह के बाहर काफी मात्रा में लिखतों का विनिमय और समाशोधन हो रहा है ।

3. विस्तृत समीक्षा के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि इस प्रकार के समझौते (कुछ बैंकों द्वारा प्रतिनिधि बैंकिंग व्यवस्था के रूप में निरूपित) समाशोधन गृह के अस्तित्व तथा आवश्यकता को क्षति पहुचाते है तथा समाशोधन प्रणाली को सक्षम बनाने में किसी भी प्रकार का योगदान नहीं करते हैं । वास्तव में, चेकों का द्विपक्षीय रूप से समाशोधन करने में बैंकों कोज्यादा खर्च करना पड़ता है और अधिक समय भी लगता है । समानांतर समाशोधन व्यवस्था समाशोधन गृह के नियमों, मानकों , न्यूनतम बेंचमार्क और समान प्रथाओं को बिगाडती है । बैंको के बीच के कदाचार तथा विवाद प्रणालीगत चिंता उत्पन्न कर सकते है ।

4. इसके अलावा, भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 तथा अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए विनियम द्विपक्षीय समाशोधन व्यवस्था पर लागू होते हैं । अधिनियम की धारा 2(1) में भुगतान प्रणाली को भुगतानकर्ता तथा लाभार्थी के बीच भ्जागतान को संभव बनाने वाली एक प्रणाली, जिसमें समाशेधन , भुगतान या निपटान सेवा या सभी, शामिल है परंतु इसमे शेयर बाजार शामिल नहीं है, के रूप में परिभाषित किया गया हा । उक्त अधिनियम की धारा 4(1) में यह निर्धारित किया गया है कि रिज़र्व बैंक के अलावा कोई व्यक्ति उक्त अधिनियम के उपबंधों के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्राधिकार के अंतर्गत तथा उसके अनुसार ऐसा करने की अनुमति के बिना किसी भुगतान प्रणाली को प्रारंभ अथवा परिचालित नहीं कर सकता। इस प्रकार की भुगतान प्रणाली के परिचालकों को अधिनियम के अंतर्गत अधिनियम के प्रारंभ होने के छ महीनों के भीतर अर्थात 12 फरवरी 2009 के पहले प्राधिकार प्राप्त करना आवश्यक है । बैंको के बीच की द्विपक्षीय व्यवस्थाएं अंतर-बैंक स्वरूप की होने के कारण भुगतान प्रणाली के दायरे में आती है तथा इसके लिए रिज़र्व बैंक से प्राधिकार प्राप्त करना आवश्यक है ।

5. द्विपक्षीय करार में प्रतिनिधि बैंकिंग व्यवस्था, नकदी प्रबंधन सेवा के अंतर्गत व्यवस्था या कोई अन्य व्यवस्था जिसमें समाशोधन गृह की सुविधा लिए बिना दोनों बैंकों के चेकों का नेमी समाशोधन को परिकल्पित किया गया है । जिसमें एटीएम शेअरिडग, ईसीएस अथवा इस प्रकार के अन्य भुगतान प्रणाली उत्पादों जैसे इलेक्ट्रानिक समाशोधन उत्पादों के उपयोग के लिए किए गए करार भी शामिल हैं । प्राधिकार के बिना किसी द्विपक्षीय समाशोधन व्यवस्था को प्रारंभ करना या उसे जारी रखना अधिनियम का उल्लंघन है तथा अधिनियम उपबंधों के अंतर्गत दंडनीय है । विभिन्न प्रकार के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे सामान्य बैंकिंग लेनदेन के लिए सभी द्विपक्षीय समाशोधन व्यवस्थाओं को तुरंत बंद कर दें ।

6. कृपया परिपत्र की प्राप्ति सूचना दे तथा यह पुष्टि करें कि पत्र की विषय वस्तु अनुपालन के लिए नोट की गयी है । 

भवदीय

(ए.के. खौंड)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?